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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शासन व्यवस्था को बताया बकवास

Last Updated:February 25, 2025, 10:50 IST

उमर अब्दुला ने जम्मू-कश्मीर की मौजूदा शासन व्यवस्था को बकवास और घटिया बताया. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य को पूर्ण रियासत का दर्जा जल्द मिलेगा. उन्होंने राज्य इलेक्टेट गवर्मेंट बनने के बाद बिजली की स्थिति में …और पढ़ेंजम्मू-कश्मीर का मौजूदा सिस्टम बकवास और घटिया: उमर अब्दुला

जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुला ने कहा है कि राज्य का डुअल सिस्टम बकवास है.

हाइलाइट्स

उमर अब्दुला ने जम्मू-कश्मीर की शासन व्यवस्था को बकवास बताया.उन्होंने राज्य को पूर्ण रियासत का दर्जा मिलने की उम्मीद जताई.उमर ने बिजली की स्थिति में सुधार का दावा किया.

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने न्यूज18 इंडिया के डायमंड समिट कार्यक्रम में कहा कि राज्य की मौजूदा शासन व्यवस्था बकवास और घटिया है. उन्होंने कहा कि जब राज्य एक पूर्ण रियासत था तो हमारी हैसियत अलग थी. आज हम रियासत नहीं हैं. यूनियन टेरिटरी और रियासत में जमीन-आसमान का फर्क है. हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि हमें पूर्ण रियासत का दर्जा जल्दी मिलेगा. देश के पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य बड़े नेताओं ने आश्वासन दिया है. ऐसे में हमें उम्मीद है कि हमें पूर्ण राज्य का दर्जा मिलेगा. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में कहा कि हमने बीते चार माह में जनता और हुकुमत के बीच बनी दूरी को कम करने का काम किया है. हमने इस सर्दी बिजली की स्थिति बेहतर की है.

उन्होंने आगे कहा कि इस वक्त राज्य में डुअल पावर सिस्टम है. एलजी के पास काफी पावर हैं. ये कोई इफेक्टिव सिस्टम नहीं है. बल्कि शासन का यह सबसे बकवास और घटिया सिस्टम है. इसके बजाय या तो यूनियन टेरिटरी या फिर पूर्ण रियासत में से कोई एक होना चाहिए. यूटी है तो उसके पास एसेंबली नहीं होना चाहिए. ऐसा करना लोगों के साथ धोखा है. ये सिस्टम नहीं चलता.

देश में डुअल पावर सिस्टम क्यों नहींउन्होंने कहा कि देश में डुअल पावर सिस्टम क्यों नहीं है. अगर यह सिस्टम अच्छा है तो पूरे मुल्क में ये सिस्टम चलाइए. ये कहना कि यह सिस्टम बहुत कामयाब सिस्टम है, बकवास है. ये सिस्टम नहीं रहना चाहिए. अगर किसी राज्य में एसेंबली है तो वहां की हुकुमत को पूरा अधिकार मिलना चाहिए.

2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया गया है. अब तक ट्रांजिशन हो गया है. बीते छह साल से सेंट्रल रूल था. इसका राज्य का दर्जा बदलने से कुछ भी लेना देना नहीं है. बावजूद इस सिस्टम में हम अपना काम कर रहे हैं. डुअल सिस्टम बीते चार माह से है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक इलेक्शन हुए. एक सवाल पर उन्होंने कहा कि तीन मार्च से सेशन है. जो बातें कहनी हैं हम वहां बात करेंगे. मोदी सरकार से कोई झगड़ा नहीं है. केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना दूसरी बात है. इसका मतलब यह नहीं है कि हम भाजपा के साथ हैं.


First Published :

February 25, 2025, 10:50 IST

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जम्मू-कश्मीर का मौजूदा सिस्टम बकवास और घटिया: उमर अब्दुला

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