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Rajasthan Roadways Unlock – 8 सप्ताह बाद #Unlock हुई #Roadways…अब प्रति किलोमीटर इतना किराया बढ़ाने की तैयारी…

पहले जो हजारों करोड़ रुपए का घाटा चल रहा था उसमें करीब आठ सौ करोड़ रुपए का घाटा और जुड़ गया। अब दोनो लहरों से हुए करोड़ों रुपयों के घाटे को पाटने के बीच आज से फिर रोडवेज बसों का संचालन शुरु कर दिया गया है।

जयपुर
पहले से ही हजारों करोड़ के घाटे में चल रही राजस्थान रोडवेज की माली हालात सुधारने के लिए सरकार ने प्रयास शुरु किए ही थे कि फिर दो साल में लगातार दो बार कोरोना ने एंट्री कर ली। उसके बाद तो हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए। पहले जो हजारों करोड़ रुपए का घाटा चल रहा था उसमें करीब आठ सौ करोड़ रुपए का घाटा और जुड़ गया। अब दोनो लहरों से हुए करोड़ों रुपयों के घाटे को पाटने के बीच आज से फिर रोडवेज बसों का संचालन शुरु कर दिया गया है। हांलाकि प्रबंधन जल्द ही रोडवेज को घाटे से उबारने के लिए प्रति किलोमीटर किराया बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

पहले चरण में चलेंगी 1500 से ज्यादा बसें, प्रदेश के बाहर नहीं जाएंगी
रोडवेज प्रबंधन से जुड़े अफसरों ने बताया कि रोडवेज के प्रदेश भर के बेडे में करीब 3800 बसें हैं और इनमें से करीब पंद्रह सौ बसों का संचालन आज नियमों के अनुसार शुरु कर दिया गया है। बसों में कोरोना प्रोटोकाॅल की पालना को बेहद सख्ती से करने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान अगर किसी भी तरह की समस्या रोडवेज चालक और परिचालक को होती है तो तुरंत प्रबंधन से संपर्क करने के निर्देश दिए गए हैं। बसों के टिकिट की बुकिंग आॅनलाइन कर पांच प्रतिशत कैश बैक का भी आॅफर दिया गया है ताकि लोग टिकिट विंडो पर भीड़ नहीं लगाएं। रोडवेज प्रबंधन ने बताया कि कोरोना काल से पहले तक प्रदेश भर में 3800 बसें चल रहीं थी। इनसे करीब चार करोड से भी ज्यादा राजस्व रोज मिल रहा था। ये बसें करीब बारह लाख किलोमीटर रोज चलने के साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी जा रही थी।

पिछले साल चार सौ करोड़ से ज्यादा का घाटा था, इस बार आठ सौ करोड़ के पार
रोडवेज प्रबंधन के अनुसार पिछले साल कोरोना के चलते हुए टोटल लाॅकडाउन के कारण रोडवेज बसें करीब दो महीने बंद रहीं थी। इस दौरान करीब चार सौ करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा रोडवेज प्रबंधन को हुआ था। इस साल फिर से करीब 55 दिनों तक रोडवेज के चक्के जाम रहे। इस बार भी करीब चार सौ करोड़ रुपए का नुकसान अभी तक प्रबंधन झेल चुका है। ऐसे में अब सीएम ने निर्देश भी जारी किए हैं कि प्रबंधन कुछ अन्य उपायों के जरिए नुकसान को भी कम करने की कोशिश करे और कोरोना प्रोटोकाॅल की भी पालना कराए। गौरतलब है कि लंबे समय से घाटे में चल रही रोडवेज पहले ही करीब तीन हजार करोड रुपए से भी ज्यादा घाटे में चल रही है। यही कारण है कि रोडवेज से रिटायर होने वाले कार्मिकों को पेंशन और अन्य परिलाभ के लिए भटकना पडता है।



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