Rajasthan

Private Schools: जयपुर के निजी स्कूलों में 5 साल तक नहीं बदली जाएगी यूनिफॉर्म, कहीं से भी खरीद सकेंगे शिक्षण सामग्री, नही कोई बाध्यता

Last Updated:April 17, 2025, 16:37 IST

Private Schools: शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार जयपुर के निजी स्कूलों में 5 साल तक यूनिफॉर्म नहीं बदल सकते, साथ ही निजी स्कूलों की तरफ से तय यूनिफॉर्म, टाई, जूते और कापियां अभिभावक खुले बाजार से खरीदने के लिए स्वत…और पढ़ेंजयपुर के निजी स्कूलों की नहीं चलेंगी मनमानी, 6 साल में चौथी बार जारी हुआ आदेश 

शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों में यूनिफॉर्म किताबों के लिए आदेश जारी किए हैं। 

हाइलाइट्स

निजी स्कूलों में 5 साल तक नहीं बदली जाएगी यूनिफॉर्मखुले बाजार से अभिभावक खरीद सकते हैं यूनिफॉर्म, टाई, जूतेकिसी विशेष दुकान से खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेगा स्कूल प्रशासन

 जयपुर. स्कूलों में नए सत्र की शुरुआत हो चुकी है और बच्चों के एडमिशन भी शुरू हो गए हैं. हर साल स्कूलों के नए सत्र से पहले शिक्षा विभाग स्कूलों और अभिभावकों के लिए आदेश जारी करता है. इस साल भी शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों में यूनिफॉर्म और किताबों की बिक्री को लेकर आदेश जारी किया है.  आदेश के अनुसार, निजी स्कूलों में 5 साल तक यूनिफॉर्म नहीं बदली जा सकती. साथ ही, अभिभावक यूनिफॉर्म, टाई, जूते और कापियां खुले बाजार से खरीदने के लिए स्वतंत्र होंगे. स्कूलों का उन पर दबाव नहीं होगा कि वे स्कूल से ही ये सामान खरीदें.

6 साल में चौथी बार आदेश जारीशिक्षा विभाग ने 6 साल में चौथी बार यह आदेश जारी किया है. हालांकि, इन आदेशों का कोई खास असर नहीं होता. अभिभावकों की शिकायतें आती रहती हैं कि नया सत्र शुरू होने के बाद विद्यार्थियों के लिए अनुशंसित पाठ्यपुस्तकें, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्री कम से कम 3 स्थानीय विक्रेताओं के पास उपलब्ध होनी चाहिए. साथ ही, शिक्षण सामग्री पर स्कूल का नाम अंकित नहीं होगा. आदेश के अनुसार, स्कूल प्रशासन अभिभावकों को किसी विशेष दुकान से पाठ्यसामग्री खरीदने के लिए बाध्य नहीं करेगा. यूनिफॉर्म, टाई, जूतों के अलावा, स्कूलों को नोटिस बोर्ड पर किताबों की सूची मूल्य सहित एक माह पहले प्रदर्शित करनी होगी.

निजी स्कूलों में मनमानी जयपुर में हजारों निजी स्कूल हैं, जहां हर साल लाखों स्टूडेंट्स का एडमिशन होता है और बच्चे स्कूल भी बदलते हैं. अभिभावकों के अनुसार, निजी स्कूलों में मनमानी चलती है. स्कूल प्रशासन बच्चों की यूनिफॉर्म, टाई, जूते, कॉपी, किताब और अन्य सामग्री खुद ही देता है और लोगों को लेने के लिए मजबूर करता है. जबकि बाजार में ये सामग्री कम कीमत में उपलब्ध होती है. निजी स्कूलों में इन सामानों के लिए हजारों रुपए लिए जाते हैं. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद, स्कूल अभिभावकों को इन चीजों के लिए बाध्य नहीं कर सकते. निजी स्कूलों में इस प्रकार शिक्षण सामग्री और अन्य चीजों से लाखों रुपए की कमाई होती है और अभिभावकों को नुकसान होता है.

दस साल बाद पुराने पैटर्न पर लौटा शिक्षा विभाग1 जुलाई से नया सत्र शुरू होगा. निजी स्कूलों के अलावा, प्रदेश की सरकारी स्कूलों में भी नया सत्र 2025-26 इस बार 1 जुलाई से प्रारंभ होगा. पिछले दस सालों में मई में ही नया सत्र प्रारंभ होता रहा है. इस बार शिक्षकों के अवकाश को लेकर भी बड़ा बदलाव हुआ है. शिक्षकों का अवकाश 30 जून तक रहेगा. इससे पहले, ग्रीष्मकालीन अवकाश कभी 18 जून तक तो कभी 23 जून तक रहता था. इस बदलाव से प्रदेश के 4 लाख से अधिक शिक्षकों को राहत मिली है. नए सत्र और शिक्षकों के अवकाश को लेकर पिछले सालों में कई प्रयोग होते रहे हैं. विभाग के इन प्रयोगों के चलते शिक्षकों के सामने कई बार संकट खड़ा हुआ है. शिक्षकों का अवकाश 17 मई से 30 जून तक करने का निर्णय विभाग ने ही लिया है.

Location :

Jaipur,Jaipur,Rajasthan

First Published :

April 17, 2025, 16:37 IST

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जयपुर के निजी स्कूलों की नहीं चलेंगी मनमानी, 6 साल में चौथी बार जारी हुआ आदेश 

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