Jemimah Rodrigues Beat Anxiety to Lead India to World Cup Win | Expert Tips to Overcome Anxiety | जेमिमा रोड्रिग्स ने एंजायटी को हराकर दिलाया भारत को वर्ल्ड कप | डॉक्टर से जानें एंजायटी से उबरने के तरीके

How To Beat Anxiety: महिला वनडे वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर इतिहास रच दिया. भारतीय टीम पहली बार ODI वर्ल्ड कप की चैंपियन बनी है. टीम इंडिया के लिए वनडे वर्ल्ड कप काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा, लेकिन खिलाड़ियों ने हार नहीं मानी और खिताब अपने नाम कर लिया. फाइनल में टीम को जीत के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल सबसे मुश्किल मैचों में से एक था. इस मैच में भारतीय टीम को 339 रनों का पहाड़ जैसा लक्ष्य मिला था. सेमीफाइनल मुकाबले में भारत की स्टार खिलाड़ी जेमिमा रोड्रिग्स (Jemimah Rodrigues) ने नाबाद 127 रन जड़कर भारत को फाइनल में पहुंचाया था और फाइनल में भी टीम के लिए 24 रनों की पारी खेली.
जेमिमा ने सेमीफाइनल जीतने के बाद खुलासा किया था कि वे टूर्नामेंट शुरू होने से पहले एंजायटी (Anxiety) से जूझ रही थीं. पिछले वर्ल्ड कप में उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया था और इस वर्ल्ड कप में उनकी शुरुआत अच्छी नहीं रही थी. इसकी वजह से वे एंजायटी का शिकार हो गईं और घंटों अपनी मां और दोस्तों के सामने रोती रहती थीं. हालांकि उन्होंने जल्द ही एंजायटी से उबरने में कामयाबी हासिल की और टीम को फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. जेमिमा की इस सफलता के पीछे केवल कड़ी मेहनत नहीं, बल्कि एक मानसिक जंग भी थी. इस जंग में जेमिमा ने खुद को न सिर्फ संभाला, बल्कि टीम की रीढ़ बन गईं.
एंजायटी क्या बीमारी है?
नई दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर और साइकेट्रिस्ट डॉ. प्रेरणा कुकरेती ने को बताया कि एंजायटी एक ऐसी मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें लोगों को हर समय डर, बेचैनी, असुरक्षा या नेगेटिव विचार घेरे रहते हैं. एंजायटी होने पर तेज धड़कन, पसीना आना, नींद न आना और पेट की परेशानी भी हो सकती है. स्पोर्ट्स में परफॉर्मेंस एंजायटी हो सकती है. एंजायटी और डिप्रेशन ह्यूमन इमोशंस हैं. एग्जाम या परफॉर्मेंस के कारण एंजायटी या डिप्रेसिव फील करना नॉर्मल है. हालांकि एंजायटी की वजह से आपका काम और नॉर्मल लाइफ मुश्किल हो जाए और यह लंबे समय तक रहे, तो डॉक्टर से मिलकर कंसल्ट करें.
एंजायटी की पहचान कैसे करें?
डॉक्टर प्रेरणा ने बताया कि एंजायटी के शुरुआती संकेतों को पहचानना बेहद जरूरी है. लगातार घबराहट, बेचैनी या डर का अनुभव, नींद न आना या बार-बार जगना, किसी भी काम में ध्यान केंद्रित न कर पाना, तेज धड़कन, पसीना या हाथ कांपना, पेट की परेशानी, थकान या एनर्जी की कमी महसूस होना एंजायटी के लक्षण हैं. अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लेनी चाहिए.
एंजायटी से उबरने के लिए क्या करें?
एक्सपर्ट के अनुसार एंजायटी को हराने के लिए आप खुद कोशिश कर सकते हैं. आप रोज डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन करें. जिस काम में आपका मन लगता हो या अच्छा लगता है, वे काम करें. अपनी लाइफस्टाइल सुधारें और सही समय पर सोएं-जागें. डिजिटल डिटॉक्स के जरिए भी मेंटल हेल्थ को सुधारा जा सकता है. इसके लिए दिन में कुछ घंटों के लिए मोबाइल से दूरी बनाएं. अगर मन भारी लगे, तो परिवार, दोस्तों या काउंसलर से बात करें. अगर समस्या फिर भी दूर न हो, तो साइकोलॉजिस्ट या साइकेट्रिस्ट से संपर्क करें. सीवियर मामलों में थेरेपी और दवाएं भी दी जाती हैं, ताकि एंजायटी से राहत मिले.



