Rajasthan

Jhalawar School Collapse: झालावाड़ में स्कूल ढहा तो वसुंधरा राजे ने अपनी ही सरकार पर क्यों बोला हमला? जानें अंदर की बात

राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव में सरकारी स्कूल की इमारत गिरने से हुई दर्दनाक मौतों को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है. इस हादसे में सात मासूम बच्चों की जान चली गई और 28 से अधिक बच्चे घायल हो गए. इस घटना के बाद राज्य की शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. लापरवाही के आरोपों में अब तक 5 टीचर और शिक्षा विभाग के एक अधिकारी सस्पेंड हो चुके हैं.

इस पूरे घटनाक्रम में सबसे ज्यादा ध्यान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बयान ने खींचा. उन्होंने इस हादसे को लेकर अपनी ही पार्टी यानी भाजपा की सरकार पर सवालों की बौछार कर दी. वसुंधरा राजे इस घटना की सूचना मिलते ही सांसद दुष्यंत सिंह के साथ दिल्ली से झालावाड़ पहुंच गईं. जिला अस्पताल में घायल बच्चों से मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘अगर शिक्षा विभाग ने पहले ही स्कूल की जर्जर हालत पर ध्यान दिया होता, तो इन मासूमों की जान बचाई जा सकती थी.’

स्कूलों की हालत पर चेताया

वसुंधरा ने न केवल दर्द जताया बल्कि तत्काल कदम उठाने की भी मांग की. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को सभी सरकारी स्कूलों का आपातकालीन सर्वे कराना चाहिए. जो भी स्कूल जर्जर हालत में हैं, उन्हें तत्काल खाली कराकर बच्चों को वैकल्पिक सुरक्षित भवनों में ट्रांसफर किया जाए. उन्होंने यह भी कहा कि ‘ऐसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, यह मानवीय संवेदना का विषय है.’

बीजेपी सरकार पर निशाना क्यों?

लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यही है कि वसुंधरा राजे ने हमला किया तो किस पर किया? राजस्थान में इस समय भाजपा की सरकार है, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सत्ता में हैं, और शिक्षा मंत्रालय भी भाजपा के ही पास है. ऐसे में वसुंधरा का यह बयान कि ‘अगर शिक्षा विभाग पहले ही जाग जाता तो ये हादसा नहीं होता,’ सीधा संकेत है कि वह अपनी ही पार्टी की सरकार से नाखुश हैं.

वसुंधरा राजे को हाल के वर्षों में बीजेपी के भीतर हाशिये पर जाते देखा गया है. खासकर जब भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया, तो उनके राजनीति भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे. यह माना जाता है कि राजे को मुख्यमंत्री पद की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें यह पद नहीं मिला. इस घटना पर उनका हमला सीधे तौर पर भजनलाल शर्मा सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, जो कि एक राजनीतिक संदेश है कि वे अभी भी राजस्थान की राजनीति में सक्रिय और प्रभावशाली हैं.

बीजेपी के भीतर सत्ता संघर्ष!

झालावाड़ वसुंधरा राजे का राजनीतिक गढ़ माना जाता है. इस क्षेत्र में हुई इस तरह की त्रासदी ने उनकी छवि को भी प्रभावित किया है, क्योंकि स्थानीय लोग उन्हें जवाबदेही की उम्मीद करते हैं. राजे ने इस घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया देकर और घायल बच्चों से मुलाकात करके अपनी संवेदनशीलता और नेतृत्व दिखाने की कोशिश की है.

बीजेपी के भीतर वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा के बीच सत्ता संघर्ष की खबरें आती रही हैं. राजे का शिक्षा मंत्री मदन दिलावर पर निशाना साधना सीधे तौर पर शर्मा सरकार की कमजोरियों को उजागर करता है, जो कि पार्टी के भीतर उनके प्रभाव को बनाए रखने की एक रणनीति हो सकती है.

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