Jhunjhunu News : दलित युवक के हत्यारे कैसे ‘केस ऑफिसर स्कीम’ में नपेंगे, आबकरी विभाग ने तो सख्त एक्शन भी ले लिया
झुंझुनूं : राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ थाना क्षेत्र के बलौदा गांव में 14 मई को एक दलित युवक के साथ हुई बर्बरतापूर्ण मारपीट और मारपीट से आई चोटों के कारण हुई मौत को लेकर अब झुंझुनूं पुलिस ने ओर सख्ती करने की ठान ली है. पुलिस सभी आरोपियों पर अब केस ऑफिसर स्कीम के तहत कार्रवाई करने जा रही है. इस स्कीम के अंतर्गत आने के बाद आरोपियों की मुश्किल बढ़ जाएंगी, क्योंकि उनके खिलाफ कार्रवाई तेज और कठोर होगी. वहीं, इस शराब माफिया के खिलाफ आबकारी विभाग ने भी बड़ा एक्शन ले लिया है. शराब माफिया की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. ज़िला आबकारी अधिकारी झुंझुनूं ने लाइसेंस निरस्त के आदेश जारी किए. नियम शर्तों की अवहेलना पर सुशील कुमार के नाम का लाइसेंस निलंबित किया गया है.
एसपी राजर्षि राज वर्मा के अनुसार, घटना के 48 घंटे बाद ही पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. पर इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने इस मामले में और भी सख्ती करने का निर्णय लिया है. दरअसल इस वीडियो में दलित युवक के साथ आरोपी बर्बरतापूर्ण तरीके से मारपीट कर रहे थे, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वहीं सोशल मीडिया पर इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की जा रही है.
एसपी राजर्षि राज वर्मा ने बताया कि इस मामले को अब केस आफिसर स्कीम में लेने का निर्णय लिया गया है, जिसके बाद जल्द से जल्द ना केवल चालान पेश किया जाएगा, बल्कि आरोपियों को जल्द से जल्द और सख्त से सख्त सजा न्यायालय से मिल पाएगी, इसके प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि सभी गिरफ्तार आरोपियों की संपत्ति का आंकलन प्रशासन के साथ मिलकर किया जा रहा है, जिनके खिलाफ भी कानूनन कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि शराब ठेकेदार के आदमियों द्वारा की गई इस मारपीट के बाद यह भी निर्णय लिया गया है कि जिले के सभी शराब ठेकेदारों तथा उनके कार्मिकों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच होगी. यदि कोई ठेकेदार और कार्मिक का आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
क्या है केस ऑफिसर स्कीम?केस ऑफिसर योजना के तहत सनसनीखेज एवं गंभीर अपराधों तथा पेशेवर एवं आदतन अपराधियों के खिलाफ अंडर इंवेस्टिगेशन केसों को चुना जाता है और उन केसों में केस ऑफिसर नियुक्त किया जाता है. इस ऑफिसर का काम मामले की जांच के दौरान उसकी प्रोग्रेस पर नजर रखना, अभियोजक एवं गवाहों के निकट संपर्क रखना तथा यह सुनिश्चित करना होता है कि अदालत में पेश होने वाले साक्ष्य समय पर एवं बिना व्यवधान के पेश हों. इसके अलावा केस ऑफिसर खुद एवं अभियोजक के मार्फत अदालत से संपर्क कर केस मे जांच के लिए जल्दी निस्तारण के लिए जल्दी पेशियां करवाने का हर संभव प्रयास करता है.
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FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 11:50 IST