JIIF- फिल्मकारों ने शेयर की दिल की बातें | JIIF#Jaipurinetrnaionalfilmfestival#

पांच दिवसीय जयपुर इंटरनेशल फिल्म के चौथे दिन 15 देशों की 32 फिल्मों की ऑफ लाइन स्क्रीनिंग के बीच फेस्टिवल में आए देश विदेश के फिल्मकारों ने आपस में दिल की बातें साझा की और फिल्म निर्माण में अनुभवों पर रोशनी डाली।
जयपुर
Published: January 10, 2022 08:15:18 pm
आज होगा जिफ का समापन
जयपुर।
पांच दिवसीय जयपुर इंटरनेशल फिल्म के चौथे दिन 15 देशों की 32 फिल्मों की ऑफ लाइन स्क्रीनिंग के बीच फेस्टिवल में आए देश विदेश के फिल्मकारों ने आपस में दिल की बातें साझा की और फिल्म निर्माण में अनुभवों पर रोशनी डाली।
भारत में खंगालने आती हूं ग्रह, नक्षत्रों और राशियों की दुनिया: जेनेट ग्रोएनेनडा
मैं पिछले 35 बरसों से भारत में यात्राएं कर रही हूं,ग्रहों, मैं यहां नक्षत्रों और राशियों की रहस्यमयी दुनिया को खंगाल रही हूं और अब यह देश मुझे बिल्कुल अपना महसूस होने लगा है। यह कहना था नीदरलैंड्स की फिल्मकार जेनेट ग्रोएनेनडा का। ड्रामायामा फिल्म की निर्देशक जेनेट सहज मुस्कुराहट भरे अंदाज में कहती हैं कि वे बचपन से ही ग्रह नक्षत्रों के संसार के प्रति बहुत आकर्षित महसूस करती थीं और यही आकर्षण उन्हें भारत खींच लाया। लम्बे समय से तमिल मंदिरों में खोज पड़ताल करने वाली जेनेट मानती हैं कि दुनिया में इन ग्रह नक्षत्रों के संकेतों को समझे जाने की जरूरत है। जेनेट भारत के नवग्रह मंदिर में इतने समय तक रह चुकी हैं कि अब वे पर्यटकों और स्थानीय लोगों को इन मंदिरों का इतिहास बता सकती हैं। वहीं, जेनेट माया मंदिरों के रहस्यमयी इतिहास में भी गहरी दिलचस्पी रखती हैंए जो धीरे धीरे लुप्त हो रहे हैं।

कई फिल्मों का उठाया लुत्फ: कौशिक चक्रवर्ती,कई फिल्मों का उठाया लुत्फ: कौशिक चक्रवर्ती,JIIF- फिल्मकारों ने शेयर की दिल की बातें
कोलकाता से जिफ में पहुंचे अभिनेता कौशिक चक्रवर्ती जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल की प्रशंसा करते नहीं थकते। फिल्म ‘फिफ्टीएथ एनिवर्सरीÓ में मुख्य किरदार निभाने वाले कौशिक कहते हैं कि फिल्म समारोह में उन्हें जो अनुभव मिला है वह अद्भुत है। उन्होंने कई फिल्मों का लुत्फ उठाया, जिसमें उडिय़ा फिल्म दालचीनी तथा पॉलिश फिल्म लीडर उन्हें बेहद पसंद आई।
सर्दी में हाइवे पर शूटिंग थी बहुत मुश्किल . शिशिर कुमार साहू
उड़ीसा से पहुंचे फिल्मकार पीनाकी सिंह तथा शिशिर कुमार साहू की फिल्म ‘दालचीनी’ यात्रा के रोमांच और रहस्यों से भरपूर फिल्म है। फिल्म की शूटिंग से जुड़े अनुभवों को याद करते हुए शिशिर बताते हैं कि यह एक ट्रैवल स्टोरी है और फिल्म हाइवे पर शूट की गई। वह भी कड़ाके की सर्दी में, जो बहुत ही मुश्किल था। शिशिर ने कहा कि इंडिपिंडेंट फिल्ममेकर्स के लिए स्थानीय भाषा में फिल्म बनाना और लोगों तक पहुंचाना आसान नहीं है। वहीं पीनाकी मानती हैं कि जिफ में उनकी फिल्म प्रदर्शित होना सुखद अनुभव रहा।
साधनों की फिक्र छोडें़,अपनी कहानी लोगों तक पहुंचाए: रविंद्र केलकर
अगर आप फिल्म बनाना चाहते हैं,तो अपनी कहानी लोगों तक पहुंचाएं और साधनों की फिक्र ना करें। यह कहना था जिफ में प्रदर्शित हुई फिल्म ‘अ नोमैड रिवरÓ के प्रोड्यूसर और एक्टर रविन्द्र केलकर का। बदलती जलवायु और लुप्त होती नदियों के खतरों को दर्ज करती, आदित्य पटवर्धन निर्देशित फिल्म अ नोमैड रिवर भारत के कई हिस्सों की पड़ताल करती है। रविन्द्र बताते हैं कि इस डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म बनाना मजेदार रहा, चूंकि इसे बनाने की प्रक्रिया में उन्होंने सद्गुरु जग्गी वासुदेव के सानिध्य में पूरे भारत की यात्रा की।
अगली खबर