JODHPUR : 600 करोड़ से बनेगी प्रदेश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी, 31 कोर्स में से कौन से होंगे बेहद खास?
रिपोर्ट : मुकुल परिहार
जोधपुर. डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार करने में एक और नई पहल की गई है. राजस्थान सरकार की पहल पर जोधपुर में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित संस्थाओं की पहले से मौजूदगी के साथ ही अब डिजिटल यूनिवर्सिटी बनने से जोधपुर देश भर में अपनी तरह के ख़ास डिजिटल पॉवर हाउस के रूप में उभरकर अपनी पहचान बनाने की तरफ है. सीएम अशोक गहलोत राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी का वर्चुअल शिलान्यास कर चुके हैं. इस फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी की शुरूआत 672 करोड़ की लागत से होने जा रही है और यह राजस्थान की पहली और देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी होगी. राजीव गांधी फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी का निर्माण मार्च-2024 तक पूर्ण होना निर्धारित है.
इस बहुद्देश्यीय यूनिवर्सिटी की स्थापना से समाज-जीवन और प्रदेश-देश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास से लेकर सामुदायिक तरक्की के विभिन्न क्षेत्रों को सम्बल प्राप्त होगा. ख़ासकर प्रशिक्षित मानव संसाधनों की मांग पूरी करने, सामाजिक विज्ञान, कला, साहित्य, इतिहास, क्षेत्रीय अध्ययन, भाषा, मीडिया व प्रबंधन में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने, शिक्षा, विधि, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, गवर्नेंस, नीति निर्माण जैसे बहुआयामी क्षेत्रों में तकनीक आधारित शोध को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही जोधपुर और प्रदेश के युवाओं को आर्थिक, वित्तीय, डिजिटल और तकनीकी विषयों के आधुनिकतम ज्ञान से रूबरू कराने और इन क्षेत्रों में नई पीढ़ी के कौशल विकास आदि के लिए इस यूनिवर्सिटी की पहल की जा रही है.
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जोधपुर में डेवलप होगा कम्प्यूटिंग का ग्लोबल हब
फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एण्ड आईटी, फाइनेंस एण्ड अकाउंटिंग, डाटा एनालिटिक्स और एनालिटिकल मैथेमेटिक्स जैसे केन्द्रों की स्थापना की जाएगी. इसके तहत निजी क्षेत्रों के सहयोग से विभिन्न अत्याधुनिक तकनीक आधारित कोर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे. आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई), ब्लॉकचैन, डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, बायो-कम्प्यूटिंग, ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एण्ड डिसरप्टिंग कन्वेंशन मॉडल ऑफ वर्क एंड बिजनेस जैसे एक्सीलेंस केंद्रों की स्थापना भी प्रस्तावित है.
विश्वविद्यालय का बहुमंजिला भवन अत्याधुनिक व अंतरराष्ट्रीय मानक का होगा. जो दूर से ही वर्चुअल दुनिया का आभास करवाने वाला होगा. प्रस्तावित विश्वविद्यालय के नाम में जोड़ा गया शब्द फिनटेक फाइनेंस और टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन को इंगित करता है, यानी विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में तकनीक आधारित वित्तीय सेवाओं के त्वरित आदान-प्रदान पर भी फोकस किया जाएगा. इसके लिए मांग के अनुसार अतिरिक्त भूमि के आवंटन की कार्यवाही जोधपुर विकास प्राधिकरण के स्तर पर प्रक्रियाधीन है. वित्त विभाग द्वारा संशोधित बजट 672.45 करोड़ की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी गई है.
यूनिवर्सिटी में होंगे ये कोर्स
प्रदेश की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी में एक साथ 31 पाठ्यक्रम संचालित होंगे, जो मुख्यतया फाइनेंस व टेक्नोलॉजी से संबंधित होंगे. यूनिवर्सिटी में मुख्य रूप से फाइनेंस की ही पढ़ाई होगी. इन पाठ्यक्रमों से प्रत्येक वर्ष में 4 हजार विद्यार्थी कोर्स करके निकलेंगे. फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी में सर्टिफिकेट कार्यक्रम एक साल, स्नातकोत्तर कार्यक्रम 2 साल और स्नातक कार्यक्रम 3 से 4 साल तक के होंगे. प्रत्येक क्लास में 30 अथवा 60 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाएगा. हर साल 10 विद्यार्थी पीएचडी करके निकलेंगे. इसमें कई सारे महत्त्वपूर्ण पाठ्यक्रमों की सुविधा उपलब्ध होगी.
पाठ्यक्रम के संचालन के लिए 50 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान रखा गया है. सभी पाठ्यक्रम 4 स्कूलों के मार्फत संचालित होंगे. इसमें स्कूल ऑफ फाइनेंशियल इनफॉरमेशन सिस्टम, स्कूल ऑफ फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी इंस्ट्रूमेंट एण्ड मार्केट, स्कूल ऑफ फाइनेंशियल सिस्टम एंड एनालिटिक्स और स्कूल ऑफ फिनटेक इन्नोवेशन एण्ड एंटरप्रेन्योरशिप शामिल है. अपनी तरह का यह अनूठा यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जोधपुर को गौरव प्रदान करेगा.
इन पाठ्यक्रमों पर रहेगा विशेष फोकस
इस यूनिवर्सिटी में मुख्य रूप से चार पाठ्यक्रमों का संचालन होगा. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस(एआई), इंटरनेट ऑफ थिंक(आईओटी), मशीन लर्निंग(एमआई), रोबोटिक्स, ऑटोमेशन व कंप्युटरीकृत मैन्युफैक्चरिंग अधिकांश पढ़ाई ऑनलाइन होगी. ऐसे में ज्यादा बड़े बिल्डिंग्स स्ट्रक्चर की आवश्यकता नहीं रहेगी बल्कि प्रेक्टिकल के लिए लैब्स एवं सॉफ्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की ही आवश्यकता रहेगी.
वर्तमान में जोधपुर में एम्स, आईआईटी, फैशन इंस्टीट्यूट, फुटवियर डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट, कृषि विश्वविद्यालय, एमबीएम इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी, एनएलयू, काजरी, आफरी औरडेजर्ट मेडिसन रिसर्च सेंटर, रिमोट सेंसिंग सेंटर सहित कई संस्थान हैं. इन सभी के साथ यह एक महत्त्वपूर्ण सहयोगी की भूमिका निभा सकेगा. साथ ही यहां से निकलने वाले छात्रों के माध्यम से स्टार्ट अप कल्चर को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टार्टअप निखरेंगे और इनका लाभ जोधपुर एवं राजस्थान प्रदेश को मिलेगा.
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Tags: Digital India, Jodhpur News
FIRST PUBLISHED : December 16, 2022, 08:39 IST