Amazing feat of taxi driver’s son when he became a soldier his father took him around in his taxi – News18 हिंदी

मनमोहन सेजू/ बाड़मेर. कहते है कि घर पर मां की गोद मे जितना जो सुकून होता है, वैसा दुनिया भर में कही नही होता है. एक टैक्सी चालक का बेटा फौजी बनकर जब घर लौटा तो उसके घरवालों ने भव्य स्वागत किया है. मां ने फौजी बेटे के सिर पर जब आशीर्वाद का हाथ रखा तो फौजी बेटे की आंखे भर आईं है.बाड़मेर जिला मुख्यालय के कुआं नम्बर 3 इलाके में हरीश कुमार डगला सीमा सुरक्षा बल की अपनी 7 महीने की ट्रेनिग महाराष्ट्र में करके वापस घर लौटा तो पूरा मोहल्ला उसके स्वागत के लिए उमड़ पड़ा. ढोल नगाड़ों के साथ लोगो ने उसे फूल मालाओं से लाद दिया.
खुशी में पटाखे फोड़े गए और केक भी कटा. पिता मानाराम के लिए आज का दिन सबसे गौरव का दिन रहा कि बेटा फ़ौज की वर्दी पहने हुए पहली बार घर लौटा है. 6 भाई-बहन के परिवार में हरीश का बचपन से ही सपना भारतीय सेना का हिस्सा बनना था. कॉलेज के पहले साल में ही एनसीसी का हिस्सा बन गया और 3 साल में यह प्रण प्रतिज्ञा बन गया. शुरुआती एक दो असफलताओं से उसने हार नही मानी और आख़िरकार 28 अक्टूबर 2023 को सीमा सुरक्षा बल की भर्ती में सफल हुआ है.
असफलता से कभी रुकना नहीं चाहिए
टैक्सी चालक पिता मानाराम सजल आंखों से बोले कि आज का दिन बेहद गौरव का दिन है. अमूमन उनके आदिवासी समुदाय के लोग मजदूरी करते है लेकिन उनके बेटे के भारतीय सेना में जाने का सपना था. जोकि उसने अपनी मेहनत से पूरा किया है. सीमा सुरक्षा बल के आरक्षी हरीश कुमार बताते है कि मां सोमती देवी पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन हमेशा देश सेवा की सीख देती रहती है. वह बताता है कि कॉलेज में कैप्टन आदर्श किशोर जाणी का मोटिवेशनल काफी काम आया.
वह बताते है कि किसी भी शुरुआती असफलता से कभी रुकना नहीं चाहिए. यही वजह है कि उसने कभी हिम्मत नही हारी और आज सीमा सुरक्षा बल की वर्दी में घर पहुंचा है. वह कहते है कि लगातार मिल रही असफ़लताओ के बावजूद मन मे सेना में जाने का सपना पाल रखा था.
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FIRST PUBLISHED : April 29, 2024, 09:27 IST