Jodhpur News: जोधपुर में यहां मिलता है ऊंटनी का दूध, चॉकलेट और साबुन की भी डिमांड, जानें फायदे
रिपोर्ट: पुनीत माथुर
जोधपुर. राजस्थान के राज्य पशु ऊंट की घटती संख्या सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई है. सरकार कई तरीके से ऊंट पालकों को प्रोत्साहन देती है, लेकिन फिर भी ऊटों की संख्या बढ़ने का नाम नहीं ले रही है. इस बीच पश्चिमी राजस्थान में एक अच्छी पहल हुई है, जिसके तहत जोधपुर शहर में ऊंटनी का दूध और दूध से बने उत्पाद लोगों के लिए उपलब्ध करवाए जा रहे है. इसके बाद अब उम्मीद जगी है कि ऊंटों की संख्या तो बढ़ेगी ही साथ ही ऊंटनी के दूध का व्यवसायिक उपयोग भी शुरू होगा.
जोधपुर हाउसिंग बोर्ड 10 सेक्टर में स्थित रिटेल काउंटर के संचालक जालू राम जांगिड़ बताते हैं कि पहले दिन उन्होंने अच्छी सेल की और 40 लीटर दूध बिक चुका है. वहीं, चॉकलेट और साबुन को लेकर भी लोगों में खाता उत्साह देखा जा रहा है. बहरहाल निजी क्षेत्र से ही सही ऊंटनी के दूध की डिमांड बढ़ने के बाद उम्मीद जगी है कि ऊंटों की संख्या में इजाफा होगा. दरअसल जो पशुपालक ऊंट को महंगे खर्च के डर से नहीं रख पाते थे, वह फिर से ऊंट रखना शुरू करेंगे.
आपके शहर से (जोधपुर)
ऊंटनी के दूध की पोकरण, जोधपुर और बीकानेर में रिटेल काउंटर पर बिक्री शुरू की गई है. ऊंटनी का 200 मिलीलीटर दूध 30 रुपये में मिलता है. इस दूध की डिमांड महाराष्ट्र, बेंगलुरु और जयपुर जैसे बड़े शहरों में भी होने लगी है. बता दें कि सबसे पहले आसपास के इलाकों से आधुनिक ड्रम की मदद से ऊंटनी के दूध को इकट्ठा कर पोकरण के सेमी गवर्नमेंट प्लांट मरू गंगा में लाया जाता है. पाश्चुरीकरण कर इसकी पैकिंग की जाती है. वहां से इसकी सप्लाई अलग-अलग इलाकों में की जाती है. ऊंटनी के दूध के अलावा दूध से शुगर फ्री बिस्किट, पाइन एप्पल नेचुरल चॉकलेट, मिल्क शेक और चॉकलेट बनाई जा रही है. वहीं, तीन तरह के साबुन भी इस दूध से बनाए जा रहे हैं, जो कि त्वचा के लिए लाभदायक है.
जानें ऊंटनी के दूध के फायदे
जोधपुर के कैमल क्लस्टर कोर्डिनेटर डॉ नगेंद्र माथुर ने बताया कि ऊंटनी के दूध के कई फायदे हैं. ऊंटनी का दूध ब्लड में शुगर की मात्रा को कम करता है और डायबिटीज के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है. वहीं, कैल्शियम की प्रचुर मात्रा होने के कारण हड्डियों को मजबूत करता है. यह शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाता है. दूध में पाया जाने वाला लैक्टोफेरिन नामक तत्व कैंसर होने की संभावना को भी कम करता है. साथ ही बताया कि यह दूध टीबी रोग के इलाज में भी लाभदायक है. ऊंटनी के दूध में गाय के दूध से 3 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है.
कैमल क्लस्टर कोर्डिनेटर डॉ नगेंद्र माथुर के मुताबिक, एक ऊंटनी 1 दिन में 2 से 3 लीटर दूध देती है, लेकिन यह दूध महज 4 से 5 घंटे ही रह पाता है. हालांकि अब दूध को पाश्चुरीकृत कर कम तापमान में रखकर 4 से 5 दिन तक रखा जा सकता है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Camel milk, Jodhpur News, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : April 06, 2023, 16:53 IST