Jodhpur News: पकड़ी गई 25 हजार की इनामी किरण जाट, जानें क्या गुल खिलाए थे, पुलिस क्यों पड़ी थी हाथ धोकर पीछे?
जोधपुर. जोधपुर संभाग के बालोतरा जिले में 2021 में शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा रीट (REET) में डमी अभ्यर्थी बैठाकर नौकरी पाने की चाह में पेपर लीक गिरोह में शामिल हुई किरण जाट आखिरकार तीन साल बाद पुलिस की गिरफ्त में आ गई है. जोधपुर रेंज आईजी कार्यालय की साइक्लोनर टीम 25 हजार की इनामी बालोतरा की वांटेड किरण जाट को जोधपुर के खेड़ापा क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. वह पुलिस से बचने के लिए तीन साल से दर-दर भटक रही थी.
जोधपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक विकास कुमार ने बताया कि 25 साल की किरण जाट बाड़मेर जिले के केकड़ की रहने वाली है. रीट परीक्षा में सफलता पाने के लिए वह गलत लोगों की संगत में फंस गई. इसके चलते उसका परिवार छूट गया. ससुर ने घर से निकाल दिया. पति से भी दूरी बन गई. उसको लेकर लगातार हमारी टीम सूचना एकत्र कर रही थी. वह बीते दो महीनों से राजस्थान के बालोतरा, बाड़मेर, सांचौर और जोधपुर जिलों में पुलिस से लुकाछिपी का खेल रही थी.
टीचर बनने के लिए 8 लाख रुपये में सौदा किया थाकिरण ने टीचर बनने के लिए 8 लाख रुपये में सौदा किया था. उसने अपनी जगह परीक्षा देने के लिए डमी कैंडिडेट हायर किया था. बाद में जब रीट पेपर लीक केस का खुलासा हुआ तो गैंग पकड़ी गई. खुलासे में किरण का नाम आने के बाद वह फरार हो गई थी. उसके बाद पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया था. किरण के सुसर को जब इसका पता चला तो उन्होंने उसे फटकार लगाकर घर से निकाल दिया था. फरारी के दौरान उसकी एक युवक से दोस्ती हो गई. फिर उससे नजदीकियां बढ़ी तो बात तलाक तक आ गई थी.
हर सप्ताह ठिकाना और मोबाइल बदलती रहीसाइक्लोनर टीम के डर से किरण दर-दर भटकती रही. वह हर सप्ताह ठिकाना और मोबाइल बदलती रही. वह कुछ समय पहले जोधपुर के झालामंड के पास आकर रुकी थी. लेकिन टीम को पता चलने पर वह जगह छोड़कर भाग गई. साइक्लोनर टीम ने हाल ही में इसी सप्ताह रीट परीक्षा में धांधली की आरोपी भंवरी बिश्नोई और संगीता बिश्नोई को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की थी.
किरण ने अपनी गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट लगा रखी थीसिंह ने बताया कि किरण जोधपुर से फतेहपुर (सीकर) चली गई. लेकिन वहां भी उसे साइक्लोनर टीम की भनक लग गई तो वहां से भाग गई. सीकर से वह अपने पुरुष मित्र के जोधपुर के खेड़ापा इलाके में नया ठिकाना ढूंढने के लिए आई थी. वहां से उसे रविवार को साइक्लोनर टीम ने पकड़ लिया. किरण ने टीम को गच्चा देने के लिए राजस्थान की गाड़ी पर दिल्ली नंबर की प्लेट लगा रखा थी. गुजरात के नंबर की गाड़ी का फास्ट टैग इस्तेमाल कर रही थी. उसके बाद अब उसके खिलाफ नंबर प्लेट के फर्जीवाड़े का प्रकरण भी खेड़ापा थाने में दर्ज किया गया है.
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2024, 10:06 IST