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Joint pain in winter can be sign of serious diseases know from expert

सागर. सर्दी का मौसम शुरू होते ही बच्चों से लेकर युवाओं और महिलाओं से लेकर बुजुर्गों तक में सुबह-सुबह हाथ पैर के जोड़ों में अकड़न होने की समस्याएं देखी जा रही है. अगर आप भी इस तरह की प्रॉब्लम से परेशान है, तो इसे हल्के में ना लें, क्योंकि यह परेशानी आगे चलकर बड़ी मुसीबत बन सकती है. इस तरह से पीड़ित लोगों के लिए फिजियोथैरेपी, इलेक्ट्रोथेरेपी सहित किन विशेषज्ञों की सलाह या इलाज लेना चाहिए. इसके लिए local 18 बुंदेलखंड के जाने-माने डॉक्टर सुमित रावत के कुछ टिप्स लेकर आए हैं.

डॉ सुमित रावत बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. माइक्रोबायोलॉजी प्रभारी हैं, वे अपनी रिसर्च पर 10 से अधिक देशों में प्रेजेंटेशन देने जा चुके हैं. डॉ रावत बताते हैं कि बुखार आने के बाद लोगों को हाथ पैर में दर्द होता है. उंगलियों के जो जॉइंट होते हैं, सुबह-सुबह उनमें अकड़न आ जाती है. इस तरह की शिकायत बहुत देखने को मिल रही हैं. यह कंप्लेंट चिकनगुनिया के लक्षण होते हैं. यानी की यह चिकनगुनिया फीवर होने के बाद के लक्षण कहलाते हैं. इसकी वजह से हाथ पर उंगलियां एडी के जॉइंट में दर्द होता है. या फिर नसों की वजह से नेऊराल्जिया इससे उनकी नसों में इन्फ्लेमेशन हो जाता है, जिसकी वजह से उनके किसी भी पॉइंट में दर्द हो सकता है.

ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए?इसके लिए जब पहले हमें अगर सूजन होती है, तो हमारे मसल रेस्टिंग फेर में चले जाते हैं, ऐसे ही जो पैरों के जॉइंट होते हैं. उसमें भी रिस्ट्रिक्शन हो जाता है. इसलिए अकड़न महसूस होती है. यह आपकी बचाव के लिए रिस्पांस होता है, लेकिन अगर आप इस समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं, तो कई दिनों तक यह अकड़न बनी रहती है. तो इससे आपके जोड़ों की मोबिलिटी लंबे समय के लिए खराब हो सकती है.

इसका इलाज क्या होना चाहिए?अगर आपके आसपास कोई इस तरह से पीड़ित है तो फिजियोथैरेपी कराना चाहिए या फिर पॉजिटिव भी कई लोगों का आ जाता है. इसके लिए यूरिक एसिड टेस्ट या सीआरपी ब्लड टेस्ट भी करवा सकते हैं, या अनुभवी रूमेटोलॉजिस्ट को दिखना चाहिए.

फिजियोथैरेपी में सुबह आप चाहें तो जो ठंडी चीजो को जॉइंट पर लगा सकते हैं, गर्म चीज नहीं लगानी है. ठंड में हो सकता है, इससे आपको प्रॉब्लम हो बहुत ठंडी जगह में इसको आप अवॉयड कर सकते हैं. अब बात करता हैं फिजियोथैरेपी की तो थेरेपी को लेकर हम सोचते हैं कि अगर हम उनके पास जाएंगे, तो बहुत एक्सरसाइज करवाएंगे. बहुत हमको हेवी लोड बगैरा उठाने को कहेंगे, ऐसा नहीं है पैसिव मूवमेंट के तहत जो होती है. चिकनगुनिया की फिजियोथैरेपी होती है यफिजियोथैरेपी मतलब वह अपने हाथ को पकड़ कर धीरे-धीरे हिलाएंगे. आपकी उंगलियों को धीरे-धीरे पूरे मूवमेंट पर लेंगे. इसके अलावा कुछ लोग इलेक्ट्रो थेरेपी भी करते हैं, जो फायदेमंद होती है. यह कुछ ऑप्शन है, जिनके तहत आप अपनी कॉम्प्लिकेशन को रोक सकते हैं .

Tags: Health, Health tips, Jharkhand news, Joint pain, Sagar news

FIRST PUBLISHED : December 9, 2024, 11:37 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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