इस कलंक वाली बीमारी से मुक्त जॉर्डन ! ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश, भारत में इसके लाखों मरीज

Jordan First Country To Eliminate Leprosy: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने जॉर्डन को कुष्ठ रोग( Leprosy) को खत्म करने वाला दुनिया का पहला देश घोषित किया है. करीब 20 साल से जॉर्डन में इस बीमारी का एक भी मामला नहीं मिला है. कुष्ठ रोग को अंग्रेजी में लेप्रोसी कहा जाता है और यह गंभीर बीमारी है. इसकी चपेट में आने पर बड़ी संख्या में लोग पैरालाइज भी हो जाते हैं. डब्ल्यूएचओ की मानें तो दुनिया के 120 से ज्यादा देशों में इस बीमारी के लाखों मरीज हैं. इनमें सबसे ज्यादा तादाद भारत में है. हर साल इंडिया में लेप्रोसी के करीब 1 लाख से ज्यादा केस सामने आते हैं.
WHO की रिपोर्ट की मानें तो लेप्रोसी एक गंभीर इंफेक्शन है, जो माइकोबैक्टीरियम लेप्री नामक एक बैक्टीरिया के कारण होता है. यह बीमारी स्किन, पेरिफेरल नर्व, ऊपरी श्वसन पथ की म्यूकोसल सतहों और आंखों को प्रभावित करती है. शुरुआत में इस बीमारी का इलाज शुरू हो जाए, तो विकलांगता को रोका जा सकता है. इसे हैनसेन डिजीज के रूप में भी जाना जाता है. मल्टी ड्रग थेरेपी (MDT) से लेप्रोसी को कंट्रोल किया जा सकता है. पिछले कुछ सालों में लेप्रोसी के सबसे ज्यादा मामले भारत, ब्राजील और इंडोनेशिया में दर्ज किए गए हैं. इनके अलावा 13 अफ्रीकी व एशियाई देशों में इसका प्रकोप ज्यादा है.
भारत सरकार के आंकड़ों की मानें तो 2014-15 में देश में लेप्रोसी के 125785 मरीज सामने आए थे, जबकि साल 2021-22 में यह आंकड़ा गिरकर 75394 रहा. देश में लेप्रोसी के मामलों में गिरावट तो आई है, लेकिन अब भी स्थिति अच्छी नहीं है. पूरी दुनिया के 53.6% मरीज में भारत में मिल रहे हैं. देश में लेप्रोसी को खत्म करने की कोशिशें चल रही हैं, लेकिन बड़ी संख्या में लोग इस खतरनाक बीमारी से जूझ रहे हैं. भारत में लेप्रोसी के कारण मरीजों को मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस बीमारी का समय पर इलाज न होने पर यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
जॉर्डन के लेप्रोसी फ्री होने पर डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि कुष्ठ रोग ने हजारों सालों से लोगों को पीड़ित किया है, लेकिन हम देश-दर-देश इसके संक्रमण को रोक रहे हैं और लोगों को इसके दुख और कलंक से मुक्त कर रहे हैं. जॉर्डन द्वारा सदियों पुरानी इस बीमारी का उन्मूलन एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है और वैश्विक स्तर पर कुष्ठ रोग को खत्म करने के प्रयासों के लिए एक बड़ी सफलता है. लेप्रोसी सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि कलंक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक-आर्थिक नुकसान के खिलाफ भी एक लड़ाई भी है.
यह भी पढ़ें- चेहरे पर निखार लाने के लिए इस सीरम का बढ़ रहा क्रेज, स्किन को रखता है जवां-जवां, फायदे कर देंगे हैरान
Tags: Health, Lifestyle, Trending news, World Health Organization
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 14:56 IST