‘जज साहब मुझे अदालत मत बुलाइए… ‘ ईडी की चार्जशीट के बाद केजरीवाल की गुहार, फिर मिली ये इजाजत
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दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सातवें पूरक चार्जशीट के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अदालत से एक खास गुहार लगाई है. उन्होंने एक स्पेशल अपील में गुहार लगाई कि उन्हें अदालत न बुलाया जाए. दरअसल, अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में 12 जुलाई को उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए पेशी वारंट जारी किया था. विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल सातवें पूरक आरोप-पत्र पर संज्ञान लेने के बाद तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से पेश करने का निर्देश जारी किया था.
इसको लेकर केजरीवाल ने अदालत से खास गुहार लगाई थी. अब दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को 12 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश किया जाएगा. राउज़ ऐवन्यू कोर्ट ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद केजरीवाल को 12 जुलाई को पेश करने के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया था. केजरीवाल ने अर्जी दाखिल पर 12 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए पेश होने की इजाज़त मांगी थी.
संघीय जांच एजेंसी ने इस वर्ष 17 मई को दाखिल पूरक आरोपपत्र में केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया था. इस बीच, अदालत ने एजेंसी के आठवें पूरक आरोप-पत्र पर भी संज्ञान लिया है, जिसमें विनोद चौहान और आशीष माथुर को मामले में आरोपी बनाया गया है. अदालत ने 12 जुलाई को माथुर को तलब किया और उसी दिन के लिए चौहान के लिए पेशी वारंट जारी किया.
धन शोधन निरोधक एजेंसी ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक 55 वर्षीय केजरीवाल को 21 मार्च को यहां उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार किया था. इसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल आबकारी घोटाले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हैं तथा इसके लिए परोक्ष रूप से जिम्मेदार हैं.
FIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 15:51 IST