Justice Yashwant Varma: कॉलेजियम सिस्टम पर लगेगा फुल स्टॉप? कांग्रेस की हामी पर एक बात का डर, पहले भी दिया साथ – justice yashwant varma cash recovery case national judicial appointments commission njac debate revive congress support

Last Updated:March 31, 2025, 05:01 IST
NJAC Debate: दिल्ली हाईकोर्ट में जज रहे जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास से बड़ी संख्या में कैश मिलने के बाद ज्यूडिशियरी में एप्वाइंटमेंट को लेकर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. इसके साथ ही NJAC यानी नेशनल ज्यूडिश…और पढ़ें
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने NJAC पर फ्लोर लीडर के साथ विचार-विमर्श किया है.
हाइलाइट्स
जस्टिस यशवंत वर्मा कैश बरामदगी मामले का दिखने लगा असरNJAC के साथ ही ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी पर छिड़ी बहसकांग्रेस इस मसले पर सरकार के साथ पर हैं कुछ गंभीर सवाल
नई दिल्ली. देश की राजधानी में हाईकोर्ट के जज रहे यशवंत वर्मा के आवास से बड़ी मात्रा में पैसों की बरामदगी से न्यायपालिका के साथ ही कार्यपालिका में भी हलचल है. सुप्रीम कोर्ट ने गंभीर मामले की छानबीन के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है और सभी को कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया है. इस बीच, ज्यूडिशियल एप्वाइंटमेंट के तौर तरीकों पर एक बार फिर से बहस छिड़ गई है और नेशनल ज्यूडिशियल एप्वाइंटमेंट कमीशन यानी NJAC और ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी पर सालों बाद एक बार फिर से बहस छिड़ गई है. इस बीच राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने NJAC पर चर्चा को आगे बढ़ाते हुए इस मसले पर फ्लोर लीडर के साथ विचार-विमर्श किया है. गौर करने वाली बात यह है कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर सरकार का साथ देने के संकेत दिए हैं.
न्यायिक नियुक्ति को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी बिल लान पर विपक्षी कांग्रेस भी सहमत है. हालांकि, पार्टी इस बात को लेकर भी पूरी तरह से सतर्क है कि इसके माध्यम से एग्जिक्यूटिव का ज्यूडिशियरी पर कंट्रोल न हो जाए. ऐसे में कांग्रेस अतिरिक्त सावधानी बरत रही है. यही वजह है कि धनखड़ से मुलाकात करने से पहले कांग्रस के नेशनल प्रेसिडेंट मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी के कुछ सीनियर लीडर्स से इस पर राय मशवरा किया था. ‘इंडियन एक्सप्रेस’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि सीनियर लीडर्स ने खरगे को सलाह दी कि पार्टी सैद्धांतिक तौर पर ऐसे मेकेनिज्म के सपोर्ट में है, जिससे मौजूदा कॉलेजियम सिस्टम को रिप्लेस किया जा सके. कांग्रेस कतई यह नहीं चाहती है कि न्यायपालिका पर एग्जिक्यूटिव का नियंत्रण हो जाए.
11 साल पहले भी कांग्रेस ने दिया था साथकांग्रेस ने साल 2014 में एनजेएसी विधेयक का समर्थन किया था, जब संसद से इसे पारित किया था. हालांकि, अक्टूबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने ज्यूडिशियल एप्वाइंटमेंट्स के लिए लाए गए इस कानून को रद्द कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार, इस सप्ताह की शुरुआत में धनखड़ ने राज्यसभा के नेताओं के साथ बैठक के दौरान इस बहस को फिर से शुरू किया, जिसे विपक्ष के कई नेताओं ने जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली पर पार्टियों के मूड को भांपने के लिए उपराष्ट्रपति द्वारा उठाए गए कदम के रूप में देखा है. बता दें कि एनजेएसी के माध्यम से कॉलेजियम सिस्टम का बदलने का प्रयास किया गया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने उसे खारिज कर दिया था.
‘NJAC की तत्काल मांग उचित नहीं’कांग्रेस के कई नेता मानते हैं कि कॉलेजियम सिस्टम को रिप्लेस करने के लिए मजबूत सिस्टम होनी चाहिए. कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ‘मुझे यह कहने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि कॉलेजियम प्रणाली काफी हद तक विफल हो चुकी है. साथ ही मैं इस बात से भी सहमत हूं कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI संजीव खन्ना) द्वारा जांच के लिए उठाए गए अब तक के कदम सराहनीय हैं.’ सिंघवी ने आगे कहा कि कमेटी की रिपोर्ट को पारदर्शी तरीके से सामने आने देना चाहिए. कांग्रेस नेता और सीनियर एडवोकेट सिंघवी ने इसके साथ ही यह भी कहा कि एक घटना को आधार बनाकर जल्दबाजी में कोई रिएक्शन नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि घटना के एक ही पहलू का इस्तेमाल करके तत्काल एनजेएसी की मांग करना उचित नहीं है. हमें धीरे-धीरे आगे बढ़ना होगा.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
March 31, 2025, 05:01 IST
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कॉलेजियम सिस्टम पर लगेगा फुल स्टॉप? कांग्रेस की हामी पर एक बात का डर