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Jyeshtha month 2025: : ज्येष्ठ माह का धार्मिक महत्व और जलदान का पुण्य.

Last Updated:May 16, 2025, 11:06 IST

Jyeshtha month significance: ज्येष्ठ माह 13 मई से 11 जून तक रहेगा. इस महीने में जल का दान महत्वपूर्ण है. हनुमान जी, सूर्य देव, शनि देव और वरुण देव की पूजा करें. गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, शनि जयंती आदि त्योहार…और पढ़ेंX
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जल का दान सबसे श्रेष्ठ, भगवान का मिलता है आशीर्वाद

जयपुर. हिंदी कैलेंडर के सबसे पवित्र महीनों में से एक ज्येष्ठ माह की शुरुआत हो चुकी है. यह महीना 11 जून तक रहेगा. ज्येष्ठ माह में गर्मी प्रचंड होती है और सूर्य के तेज प्रकाश के कारण जल स्रोत सूख जाते हैं. इसलिए इस महीने में जल का विशेष महत्व है. पंडित दीपक शर्मा ने बताया कि हिंदू पंचांग के 12 महीनों के नाम 12 नक्षत्रों के नाम पर रखे गए हैं.

नियमानुसार पूर्णिमा पर चंद्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी नक्षत्र के नाम से उस महीने का नाम रखा गया है. ज्येष्ठ महीने का नाम ज्येष्ठा नक्षत्र पर रखा गया है. गणना के अनुसार इस महीने में पूर्णिमा पर चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में रहता है. इस महीने में प्रचंड गर्मी पड़ती है, इसलिए जल का बड़ा महत्व है. मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में जलदान से बड़ा कोई दान नहीं है. इसलिए किसी भी प्यासे जीव, चाहे वह पशु पक्षी ही क्यों न हो, को पानी पिलाने का मौका मिले तो उससे बड़ा पुण्य का काम कोई नहीं है.

इन देवताओं की करें पूजापंडित दीपक शर्मा ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव, शनि देव और वरुण देव की विशेष उपासना की जाती है. वरुण जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते हैं. इस साल ज्येष्ठ महीना 13 मई से 11 जून तक चलेगा. इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ और दान धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति मिल जाती है. इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है, साथ ही पितृ प्रसन्न होते हैं.

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जल का दान सबसे सर्वोत्तमपंडित दीपक शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ मास में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है. इस महीने में जल का दान पुण्य दान माना गया है. इस माह में न सिर्फ आम लोगों को बल्कि पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए जल उपलब्ध कराना चाहिए. इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं और ज्येष्ठ मास में प्याऊ लगाना, नल लगवाना और पोखर, तालाबों का संरक्षण करना विशेष फलदायी माना गया है.

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व भी बताया गया है. माना जाता है कि इसी मास में गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था. इसी के कारण इस मास में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद दान करने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही इसी महीने में भगवान राम अपने परम भक्त हनुमान जी से मिले थे. इसके साथ ही ज्येष्ठ महीने में ही भगवान शनिदेव का जन्म भी हुआ था. इस महीने गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी, शनि जयंती से लेकर वट सावित्री तक कई व्रत त्योहार पड़ेंगे.

authorimgMohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

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Jyeshtha month 2025: ज्येष्ठ माह शुरू,10 दिन करें ये काम खुल जाएंगे भाग

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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