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K-4 मिसाइल: भारत की अंडरवाटर न्यूक्लियर पावर, जो दुश्मन के शहरों को तबाह कर सकती है!

Last Updated:March 16, 2025, 23:26 IST

भारत की पनडुब्बी से दागे जाने वाली K-4 एटमी मिसाइल ने भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है. इससे भारत उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया है, जिनके पास जल, थल और आकाश से परमाणु मिसाइलें द…और पढ़ेंK-4 मिसाइल: भारत की अंडरवाटर न्यूक्लियर पावर, दुश्मन के शहरों कर देगी तबाह

भारत की अंडरवाटर K-4 न्यूक्लियर मिसाइल दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखती है. (Image:)

हाइलाइट्स

भारत की रक्षा क्षमताएं लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं.भारत की सबसे बड़ी ताकतों में से एक है K-4 मिसाइल.यह एक अंडरवाटर-लॉन्च न्यूक्लियर मिसाइल है.

नई दिल्ली. भारत की रक्षा क्षमताएं लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं, और इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है K-4 मिसाइल. यह एक अंडरवाटर-लॉन्च न्यूक्लियर मिसाइल है, जो भारत के दुश्मनों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन सकती है. यह मिसाइल समुद्र के अंदर से लॉन्च की जाती है, जिससे इसे ट्रैक करना लगभग नामुमकिन हो जाता है. चलिए जानते हैं कि K-4 मिसाइल भारत की सामरिक शक्ति को कैसे बढ़ा रही है.

K-4 मिसाइल: एक झलकK-4 मिसाइल भारत की सक्रिय SLBM (Submarine-Launched Ballistic Missile) प्रणाली का हिस्सा है. इसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. यह अत्याधुनिक तकनीक और शत्रु पर अचानक हमले की क्षमता से लैस है.

मुख्य विशेषताएं:रेंज: 3,500 किलोमीटरवारहेड: 2-टन न्यूक्लियर या पारंपरिकलॉन्च प्लेटफॉर्म: INS Arihant और अन्य परमाणु-संचालित पनडुब्बियांस्पीड: मैक 4+ (ध्वनि की गति से 4 गुना तेज)मार्गदर्शन प्रणाली: उन्नत INS (Inertial Navigation System)सटीकता: 40 मीटर से भी कम CEP (Circular Error Probability)

K-4 और भारत की समुद्री न्यूक्लियर स्ट्राइक क्षमता

समुद्र से दुश्मन पर अचूक प्रहारK-4 मिसाइल को INS Arihant-Class पनडुब्बियों से लॉन्च किया जाता है, जो समुद्र के भीतर रहकर दुश्मन पर हमला करने में सक्षम हैं. यह भारत को Second Strike Capability देती है, यानी अगर दुश्मन पहले हमला करता है, तो भारत समुद्र से जवाबी हमला कर सकता है. परमाणु पनडुब्बी से लॉन्च होने के कारण इसे ट्रैक और नष्ट करना बेहद कठिन है.

भारत के परमाणु त्रय (Nuclear Triad) को मजबूत बनाता हैपरमाणु त्रय का मतलब है कि भारत थल (Land), जल (Sea) और वायु (Air) से परमाणु हमला करने की क्षमता रखता है. पृथ्वी और अग्नि मिसाइलें जमीन से लॉन्च होती हैं. ब्रह्मोस और Nirbhay मिसाइलें हवा से दागी जाती हैं. K-4 मिसाइल समुद्र से परमाणु हमला करने में सक्षम बनाती है. K-4 मिसाइल पाकिस्तान की Babur-3 मिसाइल से 7 गुना ज्यादा रेंज और दोगुनी सटीकता रखती है. चीन की JL-2 मिसाइल भले ही लंबी रेंज की हो, लेकिन उसकी सटीकता K-4 के मुकाबले काफी कम है.

K-4 से भारत को क्या फायदे हैं?अदृश्य हमला: पनडुब्बी से लॉन्च होने के कारण इसे ट्रैक करना लगभग असंभव है. हाई-स्पीड: यह ध्वनि की गति से चार गुना तेज चलती है, जिससे इसे रोकना मुश्किल हो जाता है.सटीक मार: आधुनिक INS और GPS तकनीक के कारण यह अपने लक्ष्य को बहुत कम त्रुटि में हिट कर सकती है. परमाणु संतुलन: चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के परमाणु खतरे के खिलाफ भारत की ताकत को मजबूत करता है.

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K-4 मिसाइल भारत के न्यूक्लियर डिटरेंस (परमाणु प्रतिरोध) को नई ऊंचाई पर पहुंचा रही है. इसकी 3,500 किमी की रेंज इसे पाकिस्तान और चीन के खिलाफ एक खतरनाक हथियार बनाती है. यह भारत की सुरक्षा और रक्षा नीति के लिए एक बड़ा कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी दुश्मन भारत पर हमला करने से पहले सौ बार सोचे.

(Disclaimer: आर्टिकल तैयार करने में AI की मदद ली गई है.)


Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

March 16, 2025, 23:23 IST

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