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कनेर का फल: चूहे ऐसे रफूचक्कर कि दिखेंगे भी नहीं! बिना ज़हर-बिना खर्च, देसी नुस्खा सुपरहिट साबित

Last Updated:November 27, 2025, 19:03 IST

कनेर का फल : घर में चूहों की एंट्री होते ही अनाज, कपड़े और सामान का हाल बुरा हो जाता है. मार्केट में महंगे और खतरनाक केमिकल मौजूद हैं, लेकिन ग्रामीण लोग आज भी एक देसी नुस्खा अपनाते हैं – कनेर का फल. इसकी तेज गंध से चूहे बिना मरे खुद ही भाग खड़े होते हैं. यह सस्ता, सुरक्षित और हर मौसम में असरदार उपाय माना जाता है.कनेर का फल

चूहों की समस्या हर घर में कभी-कभी परेशानी बन ही जाती है. चाहे अनाज खराब करना हो, कपड़ों को कुतरना हो या कागज-पन्नियों को नुकसान पहुंचाना. चूहे जहां बस जाएं, वहां गृहस्थी में अफरा तफरी‌ आना तय है. बाजार में चूहों को भगाने के लिए कई तरह के केमिकल, ज़हर और ट्रैप मिलते हैं, लेकिन ये या तो महंगे होते हैं, या बच्चों-पालतू जानवरों के लिए जोखिम भरे. ऐसे में एक पुराना, पूरी तरह देसी उपाय काम आता है वो है कनेर का फल.

कनेर का फल

ग्रामीण इलाकों में कनेर को उसके सुंदर फूलों के लिए तो जाना ही जाता है, मगर कई घरों में इसके फल का प्रयोग चूहों को भगाने के लिए भी किया जाता है. यह तरीका पूरी तरह प्राकृतिक, सुरक्षित और प्रभावी माना जाता है. कनेर के पेड़ पर गोल, हरे रंग के फल लगते हैं. जिनमें से दूध निकलता है. इन फलों के भीतर मुलायम रेशे और एक खास तरह की तेज, तीखी और थोड़ी कड़वी गंध होती है. चूहे इस गंध को बिल्कुल पसंद नहीं करते. यह गंध उनके लिए उत्तेजक और परेशान करने वाली होती है, इसलिए जहां भी यह फल रखा जाता है, चूहे खुद ही उस जगह को छोड़कर दूर चले जाते हैं.

कनेर का फल

सबसे पहले कनेर का ताजा फल तोड़ना है. हरा फल सबसे ज्यादा असरदार होते हैं. ताजगी के साथ गंध भी अधिक तेज रहती है. फिर फल को हल्का-सा बीच से फोड़ना है. फोड़ने से अंदर के रेशे और गंध बाहर आने लगते हैं. यह कदम सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे ही चूहों को भगाने वाली खुशबू फैलती है. फल को चूहों के आने-जाने की जगह रखना है.

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कनेर का फल

चूहे जहां भी हो जैसे रसोई की अलमारी, स्टोर रूम, अनाज रखने का कमर, कोनों, फटे हिस्सों, पाइप लाइन के पास, घर के खाली स्थान, जहां चूहों की आवाज या निशान सबसे ज्यादा दिखते हों, वहां इसे रखना ज्यादा असरदार रहता है. इसका 2 से 3 दिनों में असर नजर आने लगेगा. जैसे-जैसे गंध फैलती है, चूहे उस जगह को छोड़ने लगते हैं. कई लोग बताते हैं कि एक ही रात में फर्क महसूस होने लगता है. फल सूख जाए तो नया फल रख देंना है क्योंकि समय के साथ गंध हल्की हो जाती है, इसलिए 12 से 15 दिन में फल बदल देना अच्छा रहता है.

कनेर का फल

यह पूरी तरह नैचुरल उपाय है. कोई केमिकल या ज़हर नहीं है. बच्चों और पालतू जानवरों के लिए सुरक्षित ,बस सीधे खाने न देना है. इससे पर्यावरण को नुकसान नहीं होता है. प्रकृति में मिलने वाली चीज़ है. इससे चूहे मरते नहीं है, सिर्फ दूर भगाता है. यह बहुत बेहतर उपाय है. इसी के साथ यह सस्ता और हर जगह उपलब्ध होता है.ग्रामीण क्षेत्रों में आसानी से मिल जाता है.

कनेर का फल

कनेर का फल गर्मी, बरसात और सर्दी हर मौसम में एक समान असर दिखाता है.बस फल ताजा होना चाहिए. यदि स्थान बहुत बड़ा हो, तो 2 से 3 फल अलग-अलग जगह रखना उपयोगी रहता है. लोग मानते हैं कि कनेर की यह प्राकृतिक फ्रेगरेंस न सिर्फ चूहों को भगाती है, बल्कि उन्हें वापस आने से भी रोकती है.

कनेर का फल

कनेर का फल एक ऐसा घरेलू उपाय है जिसे गांवों में लंबे समय से चूहों को भगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है. इसके अंदर की तीखी प्राकृतिक गंध चूहों को बिल्कुल पसंद नहीं आती, और वे उस क्षेत्र को जल्दी छोड़ देते हैं. रसायन, जहर या महंगे पेस्ट कंट्रोल की बजाय यह उपाय सरल, सुरक्षित, कम खर्चीला और तुरंत असर दिखाई देता है.

First Published :

November 27, 2025, 19:03 IST

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कनेर का फल: चूहे होंगे गायब! बिना ज़हर-बिना खर्च देसी नुस्खा सुपरहिट

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