government is bringing big gift for the residents of the raw habitation | कच्ची बस्ती वासियों के लिए सरकार ला रही बड़ा तोहफा…

कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नई नीति लागू करने की भी तैयारी है। इस नीति में नियमन के लिए कट ऑफ डेट अगस्त 2009 के बढ़ाकर दिसम्बर, 2018 की जा सकती है। ऐसा हुआ तो बड़ी संख्या में कच्ची बस्तियां इसके दायरे में आ जाएगी और सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को पट्टा दे सकेगी।
जयपुर
Updated: February 19, 2022 08:37:04 pm
जयपुर। कच्ची बस्तियों के नियमन के लिए नई नीति लागू करने की भी तैयारी है। इस नीति में नियमन के लिए कट ऑफ डेट अगस्त 2009 के बढ़ाकर दिसम्बर, 2018 की जा सकती है। ऐसा हुआ तो बड़ी संख्या में कच्ची बस्तियां इसके दायरे में आ जाएगी और सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों को पट्टा दे सकेगी।
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट के आदेश को भी इसमें समाहित किया जाएगा। इन आदेशों के मद्देनजर ही नीति का प्रारूप तैयार किया जाएगा। नगरीय विकास विभाग कैबिनेट स्तर पर मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजेगा। प्रस्तावित नीति में भूखंड को दस साल से पहले नहीं बेचने की बंदिश भी घटाने की तैयारी है। अभी तक कच्ची बस्ती नियमन नीति 2005 लागू है। शहरों में लगातार ऐसी बस्तियों का दायरा फैलता जा रहा है, जिसे रोकने में सरकारी मशीनरी फेल हो रही है।

कच्ची बस्ती वासियों के लिए सरकार ला रही बड़ा तोहफा…
अभी तक यह लागू— 110 वर्गगज तक ही पट्टे
ऐसी चिन्हित कच्ची बस्तियां जो सुविधा क्षेत्र (पार्क, खेल मैदान, रास्ता, खुली भूमि, सार्वजनिक भूमि) के लिए आरक्षित भूमि, वन भूमि, नदी, नाले, तालाब व प्रतिबंधित क्षेत्र में स्थित है, तो वहां पट्टे नहीं दिए जाएंगे। ऐसी कच्ची बस्तियों को ही पट्टे देंगे, जहां 15 अगस्त 2009 (कट ऑफ डेट) से पहले लोग बसे हैं। न्यूनतम 15 फीट चौड़ी सड़क होनी जरूरी है। प्रशासन शहरों के संग अभियान के तहत अभी तक 72 हजार पट्टे जारी किए गए हैं।
यही रहेगा नियमन शुल्क
क्षेत्रफल—नगर पालिका—नगर परिषद—नगर निगम
1 से 50 वर्गगज— 10 रुपए — 15 रुपए — 20 रुपए
51 से 110 वर्गगज— 20 रुपए — 30 रुपए — 40 रुपए
(बीपीएल के अलावा अन्य परिवारों पर दोगुना शुल्क, नियमन राशि व एक प्रतिशत लीज राशि एकमुश्त)
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