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खाटूश्याम मंदिर के पास है केदारनाथ मंदिर, कभी नहीं देखी होगी आपने ऐसी जगह, जाते ही खुश हो जाएगा दिल

Last Updated:May 18, 2025, 23:33 IST

Sikar Latest News: हर्ष पर्वत, जिसे राजस्थान का केदारनाथ कहा जाता है, खाटूश्याम जी से 40 किमी दूर है. इसकी ऊंचाई 3100 फिट है और यहां शिव मंदिर, अर्द्धनारीश्वर गणेश मूर्ति और अन्य प्राचीन मूर्तियां हैं.खाटूश्याम मंदिर के पास है केदारनाथ मंदिर, कभी नहीं देखी होगी आपने ऐसी जगह

केदारनाथ मंदिर.

सीकर. सीकर जिले में स्थित हर्ष पर्वत को राजस्थान का केदारनाथ कहा जाता है. यह खाटूश्याम जी से मात्र 40 किलोमीटर दूर होने के कारण बाबा श्याम के दर्शन करने के बाद भक्तों के घूमने के लिए यह बहुत शानदार जगह है. हर्षपर्वत माउंट आबू के बाद दूसरा सबसे बड़ा पर्वत है. इसकी ऊंचाई 3100 फिट है. यह एक हिस्टोरिकल टूरिस्ट पॉइंट है. इस पर्वत पर मौजूद शिव मंदिर को औरंगज़ेब की सेना ने तहस-नहस कर दिया था. इसके प्रमाण आज भी इस जगह पर जाकर देखा जा सकता है. इसी हर्ष पर भगवान गणेश की विश्व की एकमात्र अर्द्धनारीश्वर भगवान गणेश की मूर्ति है जिसे गणेशी अवतार भी कहा गया है. इसके अलावा यहां भगवान शंकर का सफेद शिवलिंग और पंचमुखी शिवलिंग मौजूद है. यहां पर दर्जनों मूर्तियां है जो 1048 साल पुरानी है.

इसलिए कहा जाता है राजस्थान का केदारनाथ आपको बता दे की हर्ष पर्वत की ऊपर विशालकाय पवन चक्कियां है दूर से इन्हें देखने पर यह बहुत सुंदर नजर आती है जैसे-जैसे इनके पास जाते-जाते हैं वैसे-वैसे नजारा और भी अधिक सुंदर होता जाता है. प्रकृति के गोद में मौजूद हर्षनाथ का मंदिर बहुत शानदार जगह है. 3100 फिट ऊंचाई से सूरज को उगते और डूबते देखना अपने आप में बेहद शानदार अनुभव है, जो पूरी जिंदगी भर याद रहता है. लहरदार सड़कों से लॉन्ग ड्राइव के लिए यह जगह बहुत एकदम परफेक्ट डेस्टिनेशन प्वाइंट है. बरसात के दिनों में यहां का नजारा और भी अधिक सुंदर रहता है.

अंधकासुर के वध के लिया था नारी रूप हर्ष नाथ शिव मंदिर पुजारी विजय कुमार ने बताया कि पुराणों के अनुसार अंधकासुर नाम के राक्षस ने तीनों लोकों को जीत लिया था. अंधकासुर राक्षस से भयभीत सभी देवता भगवान शिव के पास गए और इस समस्या को दूर करने की प्रार्थना की. भगवान शिव ने अंधकासुर का वध कर दिया और उसके रक्त को पीने के लिए दो सौ देवियों को प्रकट किया. इसमें भगवान गणेश का नारी रूप भी एक था. तब भगवान गणेश ने नारी का रूप धारण किया था. इसे उनका गणेशी या विनायकी रूप कहा गया.यह विश्व की सबसे पुरानी एकमात्र अर्द्धनारीश्वर गणेश मूर्तियों में से एक है.

खाटूश्याम जी के पास है ये दुर्लभ जगह आपको बता दें भगवान गणेश की यह दुर्लभ मूर्ति हर्ष पर्वत पर है. यह हिस्टोरिकल टूरस्ट पॉइंट होने के साथ धार्मिक रूप से प्रसिद्ध है. यह भगवान शिव का दुर्लभ मंदिर और चमत्कारी भैरव मंदिर भी बना हुआ है. यह सभी मंदिर हर्ष पर्वत की छोटी पर बना हुआ है. यह जगह विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थान खाटूश्याम से 40 किलोमीटर दूर है. इसके अलावा खाटूश्याम जी से इस जगह पर अगर आते हैं तो बीच में जीण माता मंदिर भी आता है वहां भी आप माता के दर्शन कर सकते हैं.

authorimgअभिजीत चौहान

न्‍यूज18 हिंदी डिजिटल में कार्यरत. वेब स्‍टोरी और AI आधारित कंटेंट में रूचि. राजनीति, क्राइम, मनोरंजन से जुड़ी खबरों को लिखने में रूचि.

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