‘लादेन की फोटो रखना और ISIS के झंडे मिलना…’ हाईकोर्ट ने UAPA केस के आरोपी को दी जमानत, कहा- यह काफी नहीं

नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के केरल मॉड्यूल के मामले में दिवंगत कांग्रेस विधायक बीएम इदिनब्बा के पोते अम्मार अब्दुल रहमान को जमानत दे दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने यूएपीए मामले में जमानत देते हुए कहा कि मोबाइल में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की तस्वीरें, जिहाद प्रचार और आईएसआईएस झंडे जैसी आपत्तिजनक सामग्री मिलना,आईएसआईएस जैसे प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के सदस्य के रूप दिखाने के पर्याप्त नहीं है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक युग में इस प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री वेबसाइट पर स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है और केवल इसे एक्सेस करना और डाउनलोड करना यह मानने के लिए पर्याप्त नहीं होगा कि आरोपी ने खुद को आईएसआईएस से जोड़ा था.
अदालत ने अमर अब्दुल रहमान को जमानत देते हुए ये टिप्पणी कीं, जिन्हें अगस्त 2021 में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया गया था. उन पर भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 120 बी और यूएपीए की धारा 2 (ओ), 13, 38 और 39 के तहत आरोप लगाए गए थे.
यह आरोप लगाया गया था कि रहमान आईएसआईएस के प्रति अत्यधिक कट्टरपंथी था और भारत में खलीफा की स्थापना के लिए (आईएसआईएस) में शामिल होने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए जम्मू-कश्मीर और अन्य आईएसआईएस नियंत्रित क्षेत्र में “हिजरह” करने के लिए ज्ञात और अज्ञात आईएसआईएस सदस्यों के साथ आपराधिक साजिश में शामिल हुआ था.
एनआईए ने आरोप लगाया कि रहमान के मोबाइल फोन की जांच से पता चला कि उसने स्क्रीन रिकॉर्डर विकल्प का उपयोग करके इंस्टाग्राम से आईएसआईएस और क्रूर हत्याओं से संबंधित वीडियो डाउनलोड किए थे. एजेंसी ने आगे आरोप लगाया कि मोबाइल में ओसामा-बिन-लादेन, जिहाद प्रचार, आईएसआईएस के झंडे आदि की तस्वीरें भी थीं, जिससे उसकी कट्टरपंथी मानसिकता और आईएसआईएस के साथ जुड़ाव स्थापित हुआ.
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FIRST PUBLISHED : May 6, 2024, 21:40 IST