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दिल्ली चुनाव में बॉलिंग-बैटिंग खुद ही कर रहे केजरीवाल? क्या BJP-कांग्रेस के हिस्से आएगी सिर्फ फील्डिंग?

नई दिल्ली. अरविंद केजरीवाल एक से बढ़कर एक चाल चलकर विपक्षी टीमों को चित करने में लग गए हैं. क्रिकेट की भाषा में कहें तो केजरीवाल की ताबड़तोड़ और धुआंधार बैटिंग दिल्ली की पॉलिटिक्स में खूब हो रही है. आस्ट्रेलिया में बेशक बॉर्डर-गवास्कर ट्रॉफी में भारतीय क्रिकेट टीम अच्छा खेल नहीं दिखा रही है, लेकिन दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल खुद ही कोच, कप्तान और अंपायर की भूमिका में खूंटा गाड़ रहे हैं. बीते कुछ दिनों से दिल्ली की पॉलिटिक्स में ऐसा लग रहा है कि अरविंद केजरीवाल आगे बढ़कर जो मुद्दा उछालते हैं, विपक्षी पार्टियां उसमें उलझकर रह जाती है. आम आदमी पार्टी जो मुद्दा उछालती है, बीजेपी और कांग्रेस उसमें फंसकर मुख्य मुद्दे से भटकने लगती है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव अरविंद केजरीवाल के इर्द-गिर्द ही सिमटकर रह गई है?

बीते की दिनों से अरविंद केजरीवाल दिल्ली चुनाव को लेकर एक से बढ़कर एक दांव चल रहे हैं. महिला सम्मान योजना की गूंज अभी थमी भी नहीं थी कि केजरीवाल ने पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना का ऐलान कर बीजेपी को बैकफुट पर ला दिया. केजरीवाल ने ऐलान कर दिया कि अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो पुजारियों और गुरुद्वारे के ग्रंथियों को 18,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेंगे. अब बीजेपी और कांग्रेस दोनों इस स्कीम के पीछे पड़ गई और केजरीवाल पर आरोप-प्रत्यारोप करने लगी.

केजरीवाल की काट दिल्ली में क्या नहीं है?बता दें कि अरविंद केजरीवाल सोशल इंजीनियरिंग के साथ-साथ अब धार्मिक कार्ड भी खेलना शुरू कर दिया है. पहले से ही मुस्लिम वोटों को लेकर कई दांव खेल चुके हैं. ऐसे में अब हिंदू और सिख वोटरों को लुभाने के लिए धार्मिक कार्ड खेलकर सत्ता में वापसी की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी के लिए अरविंद केजरीवाल का काट खोजना मुश्किल हो गया है?

क्या केजरीवाल ही पक्ष और विपक्ष हैं?आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने हाल ही में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना शुरू करने का ऐलान किया है. इस योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को फिलहाल हर महीने 2100 रुपये दिए जाएंगे. महिलाओं की योजना का ऐलान करने के बाद केजरीवाल ने अब पुरुषों के लिए भी योजनाओं की शुरुआत कर दी है. पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना इसी को जोड़कर देखा जा रहा है.

आप का दांव कितना कारगर?दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे अरविंद केजरीवाल नवंबर के आखिरी सप्ताह से ही चुनावी मोड में आ गए थे. पूरा दिसंबर महीना अरविंद केजरीवाल की पॉलिटिक्स पर बीजेपी और कांग्रेस घूमती नजर आई. क्योंकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव के ऐलान में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. ऐसे में केजरीवाल एक से बढ़कर एक चुनावी घोषणाएं कर बीजेपी और कांग्रेस दोनों को बैकफुट पर ला रहे हैं.

दिल्ली में योजनाओं की बौछारदिल्ली में पहले महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना के बाद पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. हालांकि, आपको बता दें कि 2024-25 के दिल्ली बजट में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना की घोषणा की गई थी. इस योजना में दिल्ली में 18 साल से अधिक के सबी महिलाओं को 1000 रुपये हर महीने देने की बात थी, जिसे केजरीवाल ने अब बढ़ाकर 2100 रुपया कर दिया है.

बीजेपी और कांग्रेस दोनों केजरीवाल की योजनाओं पर सवाल उठा रहे हैं. लेकिन, ये नहीं बता रहे हैं कि क्या वह भी यह योजना लाएंगे? जैसे पुजारी-ग्रंथी सम्मान योजना पर सवाल उठाए रहे हैं. दोनों का कहना है कि इमामों और मुआज्जिनों को 18 महीने से वेतन नही मिल रहा है और केजरीवाल ने वोट की राजनीति के चलते पुजारी और ग्रंथियों को 18000 सम्मान राशि देने के लिए पंजीकरण शुरू कर दिया है. ऐसे में जब सरकार के पास पुरानी योजनाओं के लिए पैसे नहीं हैं तो महिला सम्मान योजना, पुजारी ग्रंथी सम्मान योजना के पैसे कहां से आएंगे? क्या बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियां जनता को केजरीवाल के झूठे वायदे को समझा नहीं पा रही है?

Tags: AAP Politics, Arvind kejriwal, Delhi Elections

FIRST PUBLISHED : January 1, 2025, 17:53 IST

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