Keoladeo National Park: सैकड़ों साल पुराने विशाल कछुए, पर्यटक उनके अद्भुत दृश्य देखकर हो जाते हैं मंत्रमुग्ध

Last Updated:October 13, 2025, 19:55 IST
Keoladeo National Park : भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में कछुओं का एक अलग संसार बसा है. यहां विशाल तालाब में सैकड़ों साल पुराने भारी कछुए रहते हैं. पर्यटक यहां उनकी देखभाल, आहार और प्राकृतिक जीवन का आनंद लेने आते हैं. देसी और विदेशी लोग उनके दर्शन कर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. यह तालाब पार्क की सुंदरता और आकर्षण को बढ़ाता है.
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भरतपुर : भरतपुर के केवलादेव नेशनल पार्क में कछुआ का एक अलग ही संसार बसा हुआ है. यहां पर सीताराम बगीची के पास में एक कछुओ का विशाल तालाब है. जहां पर कई बरसों पुराने और भारी भरकम कछुए देखने के लिए मिलते हैं. यह कछुओ का तालाब केवलादेव नेशनल पार्क के अंदर सीताराम बगीची के पास स्थित है. जहां पर उनके दाना पानी और भोजन की व्यवस्था बगीचे में रहने वाले बाबा करते हैं. बाबा ने लोकल 18 को बताया कि यह जो कछुए हैं. वह इस तालाब में रहते हैं.
केवलादेव नेशनल पार्क के अंदर बना यह तालाब कछुआ के लिए ही जाना जाता है. जहां पर कई प्रजाति के कछुए रहते हैं. बाबा ने बताया कि यह कछुए नेचर में रहते हैं और कीड़े मकोड़े एवं घास फूस खाते हैं. इसके अलावा छोटी मछलियों का भी सेवन करते हैं. इसके अलावा इन कछुओ के लिए आटा भी डाला जाता है. इन कछुओं को देखने के लिए देसी एवं विदेशी पर्यटक आते हैं और उनको देखते हैं. यहां कछुओ का एक अलग ही संसार है. जहां पर कई वर्षों पुराने कछुए है जिनकी उम्र 50 ,100 और 200 वर्ष तक है.
केवलादेव पार्क के विशाल कछुएइनका वजन 100 किलो के लगभग है. साथ ही केवलादेव नेशनल पार्क में इन कछुआ को एक अच्छा स्थान है. इसीलिए इनकी संख्या यहां पर काफी अधिक है. यहां पर ना तो उनके साथ कोई छेड़छाड़ की जाती है और ना ही इन्हें परेशान किया जाता है. यह खुले तालाब में रहते हैं. जिन्हें पर्यटक देखते हैं. पर्यटक यहां पर इनको देखने आते हैं और आटा भी डालते हैं. आटा डालते समय यह किनारे पर काफी अधिक इकट्ठा हो जाते हैं. जो आने वाले पर्यटकों को मंत्र मुक्त कर देते हैं
पर्यटक खिंचते हैं कछुओं की ओरयह पार्क न केवल पक्षियों के लिए प्रसिद्ध हैं. बल्कि यहां मौजूद कछुओ के तालाब के लिए भी जाना जाता है. जहां कई प्रकार के और कई प्रजातियों के कछुए देखने के लिए मिलते हैं. जिनको देखने के लिए देसी और विदेशी पर्यटक आते हैं. यह तालाब केवला देव नेशनल पार्क की शोभा बढ़ाने में चार चांद लगता हैं.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
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Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
October 13, 2025, 19:55 IST
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केवलादेव नेशनल पार्क: सैकड़ों साल पुराने विशाल कछुए, पर्यटक रह जाते हैं दंग