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पशुपालक हो जाएं सावधान! भीषण गर्मी में न करें यह गलती, पशु हो सकते हैं बीमार

Last Updated:April 07, 2025, 13:28 IST

Animal Husbandry: भीषण गर्मी के चलते पशुओं को काफी समस्या हो सकती है, ऐसे में पशु चिकित्सक ने कुछ तरीके बताए हैं, जिन्हें अपनाकर पशुपालक पशुओं में होने वाली बीमारियों से उनका बचाव कर सकते हैं.X
गर्मियों
गर्मियों में पशु आहार का उपयोग करें 

हाइलाइट्स

पशुओं को गर्मी में पर्याप्त पानी देंपशुओं को छायादार और हवादार स्थान पर रखेंपशुओं का टीकाकरण और कृमिनाशक दवाई दें

सीकर:- जैसे-जैसे मौसम में बदलाव हो रहा है, वैसे-वैसे धीरे-धीरे गर्मी का स्तर बढ़ता जा रहा है. वहीं बात करें राजस्थान में गर्मियों के मौसम की, तो यहां तापमान 45-50 डिग्री तक हो जाता है. इस दौरान लोगों के अलावा पशुओं के शरीर पर भी गर्मी का बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसे में लोगों को अपने साथ-साथ पशुओं का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. गर्मी के मौसम में पशुओं को पर्याप्त पानी नहीं देने पर डिहाइड्रेशन हो जाता है और वह चारा कम खाते हैं. इससे उत्पादकता पर असर पड़ता है. वहीं, लू चलने पर वे हीट स्ट्रोक का शिकार हो सकते हैं. उनकी पाचन क्रिया प्रभावित होती है और श्वसन दर भी बढ़ जाती है. उनकी त्वचा सीधे सूर्य के संपर्क में आने पर खुश्क, डिहाइड्रेटेड हो जाती है. साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से उनके बीमार होने की संभावना भी बढ़ जाती है. ऐसे में पशु चिकित्सक ने गर्मियों में पशुओं की देखभाल को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं, तो चलिए जानते हैं.

पशु चिकित्सक ने दी सलाहइस बारे में पशु चिकित्सक रामनिवास चौधरी ने बताया, कि पशु आहार में मौसम के अनुसार धीरे- धीरे बदलाव किया जाना बहुत जरूरी है. पशुओं को रोजाना 50 ग्राम मिनरल मिक्सचर जरूर दें, दाना-मिश्रण में पिसे हुए जौ और गेहूं की चोकर की मात्रा बढ़ाई जा सकती है. आगे उन्होंने बताया, कि खल और दाल-चूरी के अलावा रिजका और बरसीम भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत होते हैं. हरे चारे हेतु ज्वार, बाजरा, मक्का, हाइब्रिड नेपियर इत्यादि का प्रयोग किया जाना चाहिए.

इन बातों का भी रखें ध्यानआगे चिकित्सक ने बताया,कि पशुपालक पशुओं को रोग से बचाने के लिए टीकाकरण करवाएं. कृमिनाशक दवाई दें और पशु के जू-चिचड़ होने पर बाहा परजीवी नाशक दवा का इस्तेमाल बहुत ही सावधानी से करें. पशु आवास में मक्खी मच्छर मारने हेतु सावधानी से दवा का छिडकाव करें. गर्मी में पशुओं के लिए पंखे और कूलर काम में लें. आगे वे बताते हैं, कि निआसीन पाउडर के प्रयोग से भी गर्मियों में पशुओं को राहत मिलती हैं. तेज गर्मी में पशु को मेटाबोलिक एसिडोसिस हो जाने पर सोडा बायकार्बोनेट देना चाहिए.

ये उपाय भी हैं कारगरगर्मी के मौसम में पशुओं को छायादार एवं हवादार स्थानों पर बांधे. पशु आवास में खिड़की और दरवाजों पर जूट के बोरे बांधे और उनको समय-समय पर गीला करते रहें. ताकि लू चलने पर ठंडी हवा बन अंदर आए. इसके अलावा उन्हें प्रतिदिन 3-4 बार साफ पानी पिलाएं और रोजाना 1-2 बार जरूर नहलाएं. हो सके तो हरा चारा नियमित रूप से दें, क्योंकि यह पौष्टिक होता है. वहीं, पशु आहार सुबह और शाम ही दें और ज्यादा खिलाने की बजाय पशुओं को संतुलित आहार दें और पशु आहार में नमक और मिनरल- मिक्सचर अवश्य शामिल करें. जौ के छिलके उतारकर उसको दलकर इसको बांट-दाना मिश्रण में मिलाकर गर्म करने के बाद दे सकते हैं. इससे भी गर्मी में उन्हें राहत मिलती हैं. इनके अलावा कतीरा गोंद भी ताप-घात से बचाता है. सरसों की खल देना भी फायदेमंद है. इन सब के अलावा ताप-घात, दस्त, कब्ज सहित अन्य रोगों के लिए समय-समय पर चिकित्सक की सलाह लेते रहें.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

April 07, 2025, 13:28 IST

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