राजस्थान का खजुराहो कहां? रेगिस्तान में बना 1000 साल पुराना मंदिर रहस्यों से भरा, सूर्यास्त के बाद रुकना मना

Last Updated:May 19, 2025, 16:29 IST
Kiradu Temple Khajuraho: राजस्थान के कई मंदिर ऐतिहासिक रहस्य को समेटे हुए हैं. कुछ मंदिर भव्यता और रहस्यमयी चीजों के लिए चर्चित हैं. इनमें से एक मंदिर बाड़मेर जिले में भी हैं. एक मान्यता के अनुसार इस मंदिर में …और पढ़ेंX
राजस्थान का खजुराहों
हाइलाइट्स
किराडू मंदिर को “राजस्थान का खजुराहो” कहा जाता है.मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी में परमार और चौहान वंश के शासनकाल में बने.सूर्यास्त के बाद मंदिर में रुकना मना है.
बाड़मेर. भारत का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध राजस्थान अपने प्राचीन मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है. बाड़मेर जिले में स्थित किराडू मंदिर जिसे “राजस्थान का खजुराहो” कहा जाता है. 11वीं-12वीं शताब्दी की उत्कृष्ट मूर्तिकला और स्थापत्य कला का प्रतीक है. खजुराहो मंदिरों से मिलती-जुलती नक्काशी और रहस्यमयी श्राप की किंवदंतियों से घिरा यह स्थल राजस्थान की विरासत में एक अनमोल रत्न है.
किराडू मंदिर 11वीं-12वीं शताब्दी में परमार और चौहान वंश के शासनकाल में निर्मित हुए है. अपनी भव्यता और रहस्यमयी इतिहास के लिए जाने जाते हैं. इन मंदिरों की दीवारों पर नृत्य करती अप्सराओं, धार्मिक प्रतीकों और जटिल डिजाइनों की नक्काशी देखने को मिलती है, जो उस युग की समृद्ध कला और संस्कृति की गवाही देती हैं.
खंडहरों में तब्दील लेकिन इतिहास को समेटे हुएकिराडू को “राजस्थान का खजुराहो” कहे जाने का कारण न केवल इसकी मूर्तिकला और वास्तुकला में खजुराहो से समानता है, बल्कि यह भी है कि यह स्थल अपने आप में एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खजाना है, जो सदियों से खंडहरों में तब्दील होने के बावजूद अपनी महानता को संजोए हुए है. स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार इस स्थान पर एक साधु के श्राप के कारण सूर्यास्त के बाद कोई नहीं रुकता है, जिसने इसे और भी रहस्यमयी बना दिया है.
पिता को दिया वादा और ट्रैक्टर्स की अनोखी बारात, जोधपुर में यादगार बन गईं रविंद्र की शादी
दक्षिण भारतीय शैली में बना किराड़ू का मंदिर अपनी स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है. बाड़मेर से 43 किलोमीटर दूर हाथमा गांव में ये मंदिर है. खंडहरनुमा जर्जर से दिखते पांच मंदिरों की श्रृंखला की कलात्मक बनावट देखने वालों को मोहित कर लेती हैं. ऐसी मान्यता है कि विष्णु मंदिर से ही यहां के स्थापत्य कला की शुरुआत हुई थी और सोमेश्वर मंदिर को इस कला के उत्कर्ष का अंत माना जाता है. कहा जाता है कि 1161 ई.पूर्व इस स्थान का नाम ‘किराट कूप’ था.
स्थानीय निवासी हाथमा निवासी राजपाल सिंह बताते है कि किराडू मन्दिर 1000 साल पुराना मंदिर है जिसे विदेशी आक्रांताओं ने ध्वस्त कर दिया था. वह बताते है कि अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में यह सवाल जरूर आता है कि “राजस्थान का खजुराहों किसे कहते है? जिसका सही उत्तर “किराडू” है, लेकिन जितनी पहचान मिलनी थी, उतनी पहचान नहीं मिलने के कारण न तो यहां विदेशी टूरिस्ट आते हैं और न ही यह मंदिर आबाद हुए है.
निखिल वर्मा
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे…और पढ़ें
एक दशक से डिजिटल जर्नलिज्म में सक्रिय. दिसंबर 2020 से Hindi के साथ सफर शुरू. न्यूज18 हिन्दी से पहले लोकमत, हिन्दुस्तान, राजस्थान पत्रिका, इंडिया न्यूज की वेबसाइट में रिपोर्टिंग, इलेक्शन, खेल और विभिन्न डे… और पढ़ें
भारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें India पर देखेंLocation :
Barmer,Rajasthan
homerajasthan
राजस्थान का खजुराहो कहां? 1000 साल पुराने मंदिर में सूर्यास्त के बाद रुकना मना