kharif sowing: मानसून से खिले किसानों के चेहरे, खरीफ की बुआई में तेजी
kharif sowing: राजस्थान में मानसून के सक्रिय होते ही किसानों के चेहरे की चमक लौट आई है। कपास और दलहन किसानों की वजह से बुआई में रिकवरी हुई है, जिन्होंने लंबी स्थिरता के बाद मानसून सक्रिय होने के बाद तेजी से बुआई की है। आंकड़ों के मुताबिक 24 जून को फसल का रकबा 2021 की तुलना में 24 प्रतिशत कम था, जबकि एक जुलाई को पिछले साल की समान अवधि की तुलना में रकबा करीब 5.33 प्रतिशत कम है। जुलाई को खरीफ की प्रमुख फसलों में दलहन का रकबा पिछले साल की तुलना में करीब 7 प्रतिशत ज्यादा है, जबकि कपास का 4 प्रतिशत और मोटे अनाज का 2 प्रतिशत ज्यादा है। 24 जून तक सभी प्रमुख फसलों का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में कम था। दलहन में मूंग का रकबा पिछले साल से बढ़ा है, जिसकी वजह से कुल रकबे में बढ़ोतरी हुई है। लेकिन उड़द और अरहर का रकबा अभी भी पिछले साल की तुलना में कम है। कपास का रकबा भी पिछले साल की समान अवधि की तुलना में करीब 4 प्रतिशत बढ़ा है। अन्य फसलों में धान की रोपाई तेज हुई है। धान की खेती के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है, इसलिए किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे और उसके बाद उन्होंने रोपाई शुरू की।
देश भर में बारिश सामान्य रहने की उम्मीद
जहां तक बारिश का सवाल है, कुछ अच्छी खबर है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अपने अनुमान में कहा है कि जुलाई में देश भर में बारिश सामान्य रहने की उम्मीद है। दीर्धावधि औसत के 94 से 106 प्रतिशत बारिश को सामान्य बारिश माना जाता है। जुलाई में बारिश का दीर्घावधि औसत 28.04 प्रतिशत है। मौसम विभाग ने कहा है कि जुलाई महीने में देश के ज्यादातर इलाकों, उत्तर, मध्य, दक्षिणी प्रायदीप में सामान्य से लेकर सामान्य से ऊपर बारिश होने की संभावाना है। वहीं पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में इस महीने में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है। पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत में कम बारिश दुर्भाग्य के बीच सौभाग्य हो सकता है, क्योंकि कई इलाके इस समय बाढ़ग्रस्त हो गए हैं। जुलाई और अगस्त 4 महीने के मॉनसून के दौरान अहम महीने होते हैं और इन दो महीनों में करीब 60 प्रतिशत बारिश होती है।