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Khatu Shyam ji Mela 2025: Khatu Naresh will tour the city riding a silver chariot, this will be special for the first time on Ekadashi

Last Updated:March 09, 2025, 13:56 IST

KhatuShyam ji Mela 2025: 10 मार्च को एकादशी के दिन खाटूश्याम जी मंदिर में अनेकों विशेष आयोजन होंगे. इस दिन बाबा शाम को नगर भ्रमण करवाया जाएगा. नीले के असवार श्याम धणी सरकार इस बार एकादशी को चांदी से तैयार हुए र…और पढ़ेंX
चांदी
चांदी के रथ के सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे बाबा श्याम 

विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला परवान पर है. श्याम के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. 10 मार्च को एकादशी के दिन खाटूश्याम जी मंदिर में अनेकों विशेष आयोजन होंगे. इस दिन बाबा शाम को नगर भ्रमण करवाया जाएगा. श्याम भक्तों के लिए एकादशी का दिन काफी विशेष होता है.

भक्तों की मान्यताओं के अनुसार इसी दिन बर्बरीक ने भगवान श्री कृष्ण को अपना शीश दान में दिया था. यही वह दिन था जब भगवान श्री कृष्ण ने बर्बरीक को कलयुग के अवतार बाबा श्याम होने का वरदान दिया था. इस कारण श्याम भक्तों के लिए दिन काफी विशेष होता है.

चांदी के रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण करेंगे बाबा श्याम नीले के असवार श्याम धणी सरकार इस बार एकादशी को चांदी से तैयार हुए रथ पर विराजमान होकर अपने भक्तों को दर्शन देंगे. वहीं रथ को धक्का नहीं लगाना पड़े इसके लिए जीपनुमा गाड़ी में इस रथ को तैयार किया है. पहली बार बाबा श्याम के भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगा. दरअसल, पिछले कई फाल्गुन मेले के दौरान रथ के पहिए निकलने की समस्या आ रही थी और वहीं रथ भी काफी पुराना हो गया था. फाल्गुन एकादशी को श्याम मंदिर से सुबह रथ यात्रा रवाना होगी. रथ यात्रा प्राचीन श्याम कुंड, अस्पताल चौराहा, पुराना बस स्टैंड से होकर मुख्य बाजार कबूतर चौक में यात्रा का विसर्जन होता है.

मेले में उमड़ रही लाखों की भीड़ बाबा श्याम का फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी को शुरू हुआ था. इसी दिन से ही बाबा के दरबार में लगातार भक्तों की भीड़ रही है. खाटूश्याम जी के दर्शन के दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हरियाणा सहित देश-विदेश से श्रद्धालु मंदिर में पहुंच रहे हैं. अब तक लाखों की संख्या में श्याम भक्तों ने बाबा के दर्शन किए हैं.

कौन है बाबा श्याम हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ” बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजे जाओगे, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोंगे”.

Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

March 09, 2025, 13:56 IST

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चांदी के रथ में सवार होकर नगर भ्रमण करेंगे खाटू नरेश, एकादशी पर होगा यह खास

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