बड़ा चमत्कारी है खाटू श्याम की मोर पंखुड़ियां का झाड़ा, दूर हो जाते हैं सभी कष्ट, जानें यहां की मान्यता
भीलवाड़ा : हारे के सहारे के रूप में पूरी दुनिया में विख्यात खाटू श्याम के बारे में तो आप बेशक परिचित होंगे और आपने इसके मंदिर के बारे में भी सुना होगा दिनों दिन आज के आधुनिक दौर में देश प्रदेश में खाटू श्याम की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है आज लाखों की तादाद में भक्त खाटू श्याम मंदिर पहुंचते हैं लेकिन कई बार भक्तों की तादाद ज्यादा होने की वजह से बाबा श्याम के दर्शन सही ढंग से नहीं हो पाते हैं.
भीलवाड़ा के रहने वाले बाबा श्याम के दर्शन करने जा रहे हो तो भीलवाड़ा शहर के काशीपुरी में स्थित बाबा श्याम के दर्शन कर सकते हैं. यहां मान्यता है कि जो व्यक्ति खाटू श्याम में दर्शन के लिए नहीं पहुंच पता हो वह यहां बाबा श्याम के दर्शन कर सकते हैं. शहर के श्री श्याम मंदिर की स्थापना 26 साल पहले यहां के खाटू श्याम के 5 भक्तों द्वारा अपनी मनोकामना पूरी होने के बाद करवाई गई. मंदिर में आने वाले भक्तों को बाबा श्याम के मोर पंखुड़ियां का झाड़ा लगाया जाता है जिससे भक्तों का कष्ट दूर हो जाते हैं और मान्यता है कि उनकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.
श्री श्याम मंदिर के पुजारी रूपेंद्र शुक्ला ने कहा कि रींगस में खाटू श्याम मंदिर में जिस तरह बाबा के रूप श्रृंगार पूजा अर्चना की जाती है. उसी तर्ज पर भीलवाड़ा शहर के काशीपुरी में स्थित श्री श्याम मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है. यहां पर पूरे दिन भक्त आते रहते हैं. विशेष रूप से यहां पर एकादशी पर विशेष श्रृंगार किया जाता है कई बार तो दिल्ली-मुम्बई से विशेष श्रृंगार मंगवाया जाता है.
बाबा श्याम के यहां सुबह शाम दोपहर 5 पहर में पूजा-आरती की जाती है. यहां पर आने वाले भक्त कहते हैं कि चाहे खाटू जाए या फिर भीलवाड़ा शहर में आए दोनों जगह एक ही नजारा देखने को मिलता है. जो व्यक्ति रिंग्स में स्थित खाटू श्याम के दर्शन नहीं कर पाते हैं. वह यहां आकर बाबा श्याम के दर्शन कर सकते हैं यहां पर सबसे बड़ी खास बात यह है कि बाबा श्याम के मोर पंखुड़ियां के झाड़े से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती है.5 भक्तों ने करवा दी मंदिर की स्थापनाराकेश काबरा और संजय विजयवर्गीय ने कहते कि खाटू श्याम बाबा के 5 भक्तों के दर्शन करने से मनोकामना पूरी हुई. जिसके बाद उन्होंने भीलवाड़ा में यहां पर स्थापना करने की सोची और लगभग 26 साल पहले यहां पर श्री श्याम मंदिर की स्थापना की गई. तब से ही लगातार यहां पर भक्तों का तांता लगा रहता है. हर वर्ष यहां से भव्य निशान यात्रा भी रिंगस खाटू श्याम तक निकाली जाती है. इसके साथ ही यहां पर हर वर्ष कई बड़े कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता हैं और बाबा श्याम के नाम भजन संध्या का भी आयोजन करवाया जाता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शरीक होते हैं भीलवाड़ा के श्री श्याम मंदिर में बाबा श्याम की पुजा अर्चना रूप श्रगार रींगस के खाटू श्याम मंदिर के तर्ज पर किया जाता हैं. यही नहीं यहां आने वाले श्याम भक्तों की हर मनोकामनाएं पूरी होती है.
यहां आने के बाद जरूरत नहीं पड़ती रिंगस जानें कीभक्त कामाक्षी ने कहा कि मैं यहां पर लगभग 2 साल से रोजाना दर्शन करने के लिए आ रही हूं. मेरे मन में हमेशा से एक इच्छा थी कि खाटू श्याम मंदिर में बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए जाऊं. लेकिन वहां मेरा दर्शन करने के लिए जाना पॉसिबल नहीं हो पाया तो मैंने यहां पर आकर देखा तो हूबहू यहीं पर बाबा श्याम के दर्शन हो रहे हैं. इसलिए मैं रोजाना यहां पर बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए आती हूं. यहां आने से मन को शांति और सुकून मिलता है. और बाबा श्याम से हम यहां पर मनोकामना मांगते हैं तो यहां हमारी मनोकामनाएं पूरी भी होती है.
दिल्ली से आता हैं श्रृंगार – मंदिर पुजारी ने कहा कि विशेष रूप से यहां पर एकादशी पर विशेष श्रृंगार किया जाता है कई बार तो दिल्ली से विशेष श्रृंगार मंगवाया जाता है. बाबा श्याम के यहां सुबह शाम दोपहर पूजा-आरती की जाती है. यहां पर आने वाले भक्त कहते हैं कि चाहे खाटू जाए या फिर भीलवाड़ा शहर में आए दोनों जगह एक ही नजारा देखने को मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 11:56 IST