Kidney removed without making an incision on mother stomach For the first time in Rajasthan, kidney transplant was done to the son in a surgery that lasted 3 hours.
जोधपुर:- जोधपुर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक दुर्लभ किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन सफलतापूर्वक किया गया, जिसमें एक महिला डोनर की किडनी बिना पेट पर कट लगाए, उसके प्राइवेट पार्ट से निकाली गई और उसके बेटे को ट्रांसप्लांट किया गया. यह तकनीक प्रदेश में पहली बार उपयोग में आई है और दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला ऑपरेशन है.
मां-बेटे, दोनों स्वस्थएम्स के यूरोलॉजिस्ट डॉ. महेंद्र सिंह ने लोकल 18 को बताया कि उदयपुर निवासी 32 वर्षीय युवक, जिसकी किडनी हाइपरटेंशन के कारण खराब हो गई थी, इसके चलते वह जोधपुर एम्स में दिखाने आया. 23 सितंबर को जोधपुर एम्स में भर्ती कराया गया. परिवार की सहमति और मेडिकल जांच के बाद, 25 सितंबर को यह सफल ट्रांसप्लांट किया गया. ऑपरेशन के बाद मां और बेटे दोनों स्वस्थ हैं और ट्रांसप्लांट की गई किडनी सही तरीके से काम कर रही है.
जोधपुर एम्स में हो चुके 52 किडनी ट्रांसप्लांटएम्स यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. एएस संधू ने बताया कि प्रदेश में इस तरह का यह पहला ट्रांसप्लांट है. एम्स में आयुष्मान योजना में ट्रांसप्लांट नि:शुल्क किया गया. एम्स में अब तक 52 सफल किडनी ट्रांसप्लांट हो चुके हैं. इसमें 48 मरीजों में परिवार के ही सदस्य ने किडनी डोनेट की. वहीं 4 मरीजों को कैडवर किडनी ट्रासप्लांट किया गया.
इस टीम ने किया ऑपरेशनएम्स यूरोलॉजी विभाग से डॉ. एएस संधू, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. महेन्द्र सिंह, एडिशनल प्रोफेसर डॉ. गौतमराम चौधरी, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवचरण नावरिया, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपक भीरुड, प्रवीण और अतुल शामिल थे. नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. मनीष चतुर्वेदी, डॉ. राजेश जोरावट, एनेस्थिसिया विभाग से डॉ. प्रदीप भाटिया व डॉ. अंकुर शर्मा ने सहयोग किया.
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डोनर महिला 2 दिन में ही डिस्चार्जडॉ. महेंद्र सिंह ने Local 18 को बताया कि ऑपरेशन डॉ. एएस संधू के नेतृत्व में किया. युवक को मां (50) ने किडनी दी. इस बार नई तकनीक से किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. ऑपरेशन में करीब 3 घंटे लगे. सामान्य किडनी ट्रासंप्लांट का ऑपरेशन दूरबीन तकनीक से किया जाता है, जिसमें छोटा सा चीरा लगाता है. जबकि इस ऑपरेशन में डोनर के पेट में बिना चीरा लगाए गुप्तांग से निकाली गई. महिला को 2 दिन बाद ही डिस्चार्ज कर दिया गया.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 12:17 IST