Gehlot Approved Amendment In Laghu Udyog Protsahan Yojna – अपात्र उद्यम के लिए ऋण लिया तो 18 प्रतिशत ब्याज के साथ होगी वसूली

— अनुदान आवेदनों पर निर्णय की प्रक्रिया हुई सरल, लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में प्रावधान में संशोधन को सीएम की मंजूरी

जयपुर, 26 अगस्त। राज्य सरकार की ओर से जारी मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में अब उद्यमी की ओर से लिए गए ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए आवेदनों पर अब जिला स्तरीय टास्क् फोर्स के बजाय जिला नोडल अधिकारी के स्तर पर ही निर्णय किया जाएगा। योजना में यदि किसी अपात्र इकाई ने ब्याज अनुदान ले लिया तो जिला टास्क फोर्स इस मामले को निरस्त कर सकेगी और उद्यमी को चुकाई गई राशि 18 प्रतिशत दंडनीय ब्याज के साथ वसूली जाएगी। पहले योजना में ये प्रावधान नहीं थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को योजना के कई प्रावधानों और इसके लिए मार्गदर्शिका में संशोधन के प्रस्तावों का अनुमोदन किया है। नए प्रावधान के अनुसार खनन, रियल स्टेट, शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग, अलाभकारी संस्थाओं, एनजीओ, ट्रस्ट आदि की ओर से संचालित गतिविधियों से जुड़े उद्यम इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
ये भी हुए प्रमुख संशोधन
— राजस्थान अरबन को-ऑपरेटिव बैंक भी ऋण उपलब्ध करा सकेगा।
— हस्तशिल्पी, दस्तकार अथवा शिल्पी कार्ड धारकों को 3 लाख रूपए तक के ऋण पर ब्याज राशि का शत-प्रतिशत पुनर्भरण अनुदान।
— पुराने उद्योग के विस्तार, विविधिकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए अधिकतम 1 करोड़ रूपए तक ही ऋण मिलेगा और भूमि के लिए कुल ऋण राशि का अधिकतम 25 प्रतिशत ऋण ही ब्याज अनुदान के लिए पात्र।
— सूक्ष्म उद्यमों को व्यापार के लिए अधिकतम 1 करोड़ रूपए का ऋण मिल सकेगा।
— वर्ष के अंत में शेष रहे आवेदन पत्रों को आगामी वित्तीय वर्ष में ब्याज अनुदान का पात्र माना जाएगा।
— ऋण वितरण तथा ब्याज अनुदान के लिए प्रतिवर्ष उपलब्ध बजट सीमा से अधिक के दायित्व सृजित नहीं होंगे।
— हर स्तर पर अजा, अजजा बाहुल्य व पिछड़े क्षेत्रों के उद्यमियों को प्राथमिकता।
— यथासंभव 30 प्रतिशत महिला उद्यमियों को ऋण प्रदान कराने प्राथमिकता।
— ऋण राशि तथा ब्याज अनुदान के लिए आवंटित लक्ष्य के विरूद्ध अधिकतम दोगुना तक आवेदन लिए जाएंगे।
— ब्याज अनुदान के लिए बजट उपलब्ध रहने की स्थिति में सौर ऊर्जा संयत्र पर लिए गए ऋण पर लाभ अंतिम वरीयता के रूप में दिया जाएगा