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Kisan Andolan: किसानों पर क्या बनेगी बात? जगदीप धनखड़ के सवाल पूछते ही शिवराज पहुंच गए अमित शाह के घर

नई दिल्ली. क्या किसानों पर बात बनेगी? उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने किसानों का मुद्दा उठाया था और पूछा था कि क्या किसानों से कोई वादा किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है. अगर ऐसा है, तो इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी और किसानों की बात सुननी होगी. धनखड़ की इस बात का असर यह हुआ कि अगले ही दिन बुधवार को कृषि मंत्री केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंच गए. माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच किसान आंदोलन को लेकर लंबी बातचीत हुई. दरअसल, उत्तर प्रदेश के हजारों किसान विभिन्न मांगों को लेकर पहले से ही नोएडा बॉर्डर पर जमे हुए हैं. उधर, पंजाब और हरियाणा के किसान भी 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च की तैयारी में हैं. ऐसे में केंद्र के लिए यह बड़ी चुनौती है कि वह किसानों से कैसे डील करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुरू हुए किसान आंदोलन ने पुलिस की परेशानी बढ़ा दी है. सरकार द्वारा अधिग्रहित की गई अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजे की मांग को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों ने 2 दिसंबर को दिल्ली की ओर कूच किया, लेकिन उन्हें नोएडा-दिल्ली सीमा पर रोक दिया गया, जहां वे धरने पर बैठ गए.

किसानों ने कहा कि अगर सात दिनों के भीतर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे फिर से दिल्ली की ओर कूच करेंगे. बारह किसान संघों का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने एक बयान में कहा कि किसानों ने अधिकारियों से यह आश्वासन मिलने के बाद कि उप्र के मुख्य सचिव उनकी मांगों पर चर्चा करने और उनका समाधान करने के लिए बैठक करेंगे, फिलहाल दलित प्रेरणा स्थल पर ही रहने का फैसला किया है.

बयान में कहा गया है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, आंदोलन जारी रहेगा. बयान के अनुसार, “योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों को न्याय दिलाने में विफल रही है. भाजपा नीत उत्तर प्रदेश सरकार ने 2017 से भूमि सर्किल दर में संशोधन नहीं किया है और भूमि मालिकों को भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 के तहत पर्याप्त, वैध मुआवजे और अन्य लाभों से वंचित रखा गया है.”

Tags: Amit shah, Farmers Protest, Kisan Andolan, Shivraj singh chouhan

FIRST PUBLISHED : December 5, 2024, 04:01 IST

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