Rajasthan

Kisan Maha Panchayat – संयुक्त किसान मोर्चा का एलान , 26 नवंबर को सभी मोर्चो पर होगी किसान पंचायत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी हो लेकिन किसानों का संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंंने लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने के लिए अधिनियम पारित होने नहीं होने तक, बिजली संशोधन विधेयक और श्रम संहिताएं वापस नहीं लेने तक अपने आंदोलन को जारी रखने का एलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा का एलान .
26 नवंबर को सभी मोर्चो पर होगी किसान पंचायत
बॉर्डर पर मोर्चा का एक साल होगा पूरा
किसानों के साथ मजदूरों और आमजनता से किया अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आह्वान
मोर्चो पर किसानों की संख्या बढ़ेगी
29 नवंबर से संसद सत्र शुरू होगा
उसी दिन से सीमित संख्या में किसानों का संसद कूच
जयपुर।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी हो लेकिन किसानों का संघर्ष अभी समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंंने लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने के लिए अधिनियम पारित होने नहीं होने तक, बिजली संशोधन विधेयक और श्रम संहिताएं वापस नहीं लेने तक अपने आंदोलन को जारी रखने का एलान किया है। इसी क्रम में २६ नवंबर को अधिक से अधिक संख्या में किसानों को शाहजंहापुर बॉर्डर पहुंचने का आह्वान किया गया है।
अखिल भारतीय किसान सभा की राज्य कमेटी राजस्थान की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम ने कहा कि सत्ता मद में चूर होकर देशी विदेशी कार्पोरेट घरानों के हित में नीतियों को थोपने पर उतारू मोदी और बीजेपी.आरएसएस को आखिर किसानों.मजदूरों की व्यापक एकता के सामने झुकने और कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा करने के लिए हुए मजबूर होना पड़ा है, लेकिन आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसानों की शहादत के लिए नरेंद्र मोदी और भाजपा.आरएसएस और उनकी सरकार जिम्मेदार है। इस गुनाह के लिए देश की जनता इन्हें कभी माफ़ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि किसान सभा की राज्य कमेटी ने फैसला किया है कि संयुक्त किसान मोर्चा के निर्णयानुसार किसानों की सभी मांगें पूरी होने तक आंदोलन को जारी रखा जाएगा राज्य कमेटी ने राजस्थान के किसानों,मजदूरों और आम जनता से 26.नवम्बर को ज्यादा से ज्यादा संख्या में शाहजहांपुर.खेड़ा बोर्डर पर पहुंच कर मोर्चे पर आंदोलन के एक साल पूरे होने के कार्यक्रम में शामिल होने का आह्वान किया है।
२९ नवंबर से होगी संसद कूच की शुरुआत
किसान २९ नवंबर से संसद की ओर कूच की शुरुआत करेंगे। सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से इसकी शुरुआत की जाएगी। २५ ट्रेक्टर और ५०० किसान इन बॉर्डरों से संसद की ओर कूच करेंगे। इसके बाद बारी बारी हर बॉर्डर से किसान संसद की ओर रवाना होंगे। किसान मोर्चा की आज शाम होने वाली बैठक में तय किया जाएगा कि किस किस बॉर्डर के किसान कब संसद की ओर रुख करेंगे। जिस बॉर्डर से कूच की जाएगी उस बॉर्डर पर लगे बैरीकेट्स हटाकर रवाना होंगे, यदि रास्ते में उन्हें कहीं रोका जाता है तो उसी स्थान पर किसान अपना नया पड़ाव बनाएंगे।
गहलोत सरकार का भी होगा विरोध
राज्य कमेटी ने इस संघर्ष को जारी रखते हुए राज्य सरकार की जनविरोधी नीतियों के ख़िलाफ़ भी निर्णायक संघर्ष का फैसला लिया है। कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक राजस्थान की गहलोत सरकार भी अपनी जनविरोधी नीतियों के तहत लगातार किसानों और आम जनता पर हमले कर रही है। महंगाई, बिजली कंपनियों की लूट, पेट्रोल डीजल के ऊपर वसूले जा रहे भारी टैक्स, किसानों की सम्पूर्ण कजऱ् माफी आदि मुद्दों को लेकर प्रतिरोध का निर्माण करते हुए आंदोलन किया जाएगा। गांव गांव में किसानों को संगठित करने और इन किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ जागरुक किया जाएगा। गांव कमेटी, तहसील कमेटी और जिला कमेटियों के सम्मेलनों के पश्चात मई में किसान सभा का राज्य सम्मेलन श्रीगंगानगर जिले के श्रीविजयनगर में आयोजित किया जाएगा।

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