Knee Deformity Correction With Llizarov Technique – Llizarov technique: लिजारोव तकनीक से किया घुटने का ऑपरेशन

Llizarov technique: – राजस्थान में पहली बार इस पद्धति का प्रयोग
– एसएमएस अस्पताल में की गई घुटने की जटिल सर्जरी

Llizarov technique:
राजस्थान में पहली बार जोधपुर की 43 वर्षीय महिला के घुटने की विकृति को कंप्यूटर असिस्टेड लिजारोव तकनीक से ठीक किया गया। यह महिला पिछले 15 वर्षों से घुटने की विकृति और असहनीय दर्द से पीड़ित थी। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और डिफॉरमेटी करेक्शन सेंटर के विभागाध्यक्ष डॉ. डीएस मीणा ने इस तकनीक के बारे में बताते हुए कहा कि लिज़ारोव उपकरण एक प्रकार का बाहरी ढांचा है, जिसका उपयोग आर्थोपेडिक सर्जरी में अंगों की हड्डी को लंबा करने या फिर से आकार देने के लिए किया जाता है। ताकि जटिल या खुली हड्डी के फ्रेक्चर और हड्डियों के संक्रमित गैर-संयोजन को बिना ऑपरेशन ठीक किया जा सके। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में पहली बार कंप्यूटर असिस्टेड तरीके से इस तकनीक का इस्तेमाल एसएमएस अस्पताल में किया गया है।
इस सर्जरी के बाद होगी आसानी
उन्होंने कहा कि जोधपुर की आशु देवी को अपने दैनिक कार्यों में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। उसने जोधपुर और अहमदाबाद में भी कई डॉक्टरों से सलाह ली थी, लेकिन उसे हर जगह निराशा ही हाथ लगी। डॉ. मीणा ने कहा कि इस विकलांगता के कारण देवी मानसिक रूप से परेशान थी और इलाज के खर्च और अनिश्चितता को लेकर पूरा परिवार चिंतित था। एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रोफेसर डॉ. सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि गहन जांच के बाद उन्हें मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत मुफ्त इलाज दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कंप्यूटरीकृत सॉफ्टवेयर के माध्यम से रोगी के विकृति डेटा को रिकॉर्ड करके सर्जरी पूरी की गई। उन्होंने कहा कि इस सर्जरी के बाद मरीज सामान्य रूप से चल सकेगा।
पहले भी कर चुके कई सर्जरी
डॉ. शर्मा के साथ डॉ. मीणा की टीम में वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. देवकांत और डॉ. दिव्यांश शामिल थे, जबकि एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. गोपाल बंसल, डॉ. चंचल और डॉ रेणुका ने इस सर्जरी में सहयोग दिया। डॉ. मीना इससे पहले भी जटिल विकृतियों की सफल सर्जरी कर चुकी हैं।