Rajasthan

Know how Vinayak became Ganraj on this Ganesh Chaturthi? | इस गणेश चतुर्थी पर जानिए विनायक कैसे बने गजराज?

photo1661594423.jpegपौराणिक कथा में ये बताया गया है कि मां पार्वती जब स्नान के लिए गई तब उन्होने बाल गणेश को पहरा देने कहा साथ ही ये आदेश दिया कि उनकी अनुमति के बिना कोई भीतर नहीं आ पाए। थोड़ी ही देर में महादेव वहां पहुंच गए और भीतर जाने लगे, तब एकदन्त ने उन्हें रोका और भीतर नहीं जाने को कहा। भोलेनाथ ने इसे बाल हट समझा और ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब गणेश नहीं माने और महादेव को भीतर ना जाने की चुनौती देने लगे तो क्रोधित होकर भोलेनाथ ने त्रिशुल चला दिया और क्षण भर में ही बाल गणेश का सिर धड़ से अलग हो गया। जब मां पार्वती स्नान कर बाहर आई तो उन्हें पूरी घटना की जानकारी मिली, वो काफी देर तक पुत्र विलाप करती है और फिर उन्होने भोलेनाथ से गणेश को फिर से जीवित करने की मांग की।
ganesh_fam.jpegमहादेव ने बाल गणेश में प्राण डालने का काम भगवान विष्णु को सौंप दिया, फिर भगवान विष्णु ने एक शर्त के साथ अपने सुदर्शन च्रक को रवाना कर दिया। सुदर्शन च्रक एक हथिनी के बच्चे का मस्तक ले आया जिसे देख सभी हैरान हो गए। भगवान विष्णु से सवाल करने लगे कि आखिर एक हाथी के बच्चे का मस्तक बाल गणेश के लिए क्यों आया है इस पर भगवान विष्णु ने जवाब दिया कि उनके शर्त के अनुसार आदेश दिया गया था कि जो माता अपने पुत्र की तरफ पीठ कर सो रही हो, उसी का ही मस्तक ले आना। इस कारण से हाथी का ही मस्तक मिला।
photo1661592177.jpeg

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj