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Last Updated:October 19, 2025, 08:05 IST
Rishikesh News: सिंघाड़ा सेहत के लिए एक सूपरफूड की तरह काम करता है. यह न सिर्फ थकान दूर करता है बल्कि ब्लड शुगर, थायरॉयड और स्किन प्रॉब्लम्स जैसी परेशानियों से भी राहत दिलाता है.
सर्दियों का मौसम आते ही बाजारों में सिंघाड़े की बहार दिखाई देने लगती है. हरे-हरे सिंघाड़े न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद हैं. यह एक जलीय फल है जो झीलों और तालाबों में उगता है. सिंघाड़े में विटामिन बी, पोटैशियम, आयरन, फाइबर और जिंक जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसकी खासियत यह है कि यह शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है और कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है.
अगर आप अक्सर थकान या कमजोरी महसूस करते हैं तो सिंघाड़े का सेवन आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है. इसमें मौजूद आयरन और मिनरल्स शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में मदद करते हैं. सिंघाड़े को उबालकर खाने या इसका हलवा बनाकर नियमित सेवन करने से शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ता है. यह शरीर को स्फूर्तिवान और एक्टिव बनाए रखता है. जिन लोगों को कमजोरी या एनर्जी की कमी रहती है, उन्हें हफ्ते में 3 से 4 बार सिंघाड़ा ज़रूर खाना चाहिए.
एनीमिया यानी खून की कमी से पीड़ित लोगों के लिए सिंघाड़ा किसी औषधि से कम नहीं है. इसमें मौजूद आयरन खून की मात्रा बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है. नियमित सेवन से शरीर में रेड ब्लड सेल्स की संख्या बढ़ती है और ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है. खासकर महिलाओं में पीरियड्स या प्रसव के बाद होने वाली कमजोरी को दूर करने में सिंघाड़ा बेहद असरदार है. रोजाना सिंघाड़े का सेवन करने से शरीर में लौह तत्व की पूर्ति होती है और चेहरा भी खिल उठता है.
थायरॉयड की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपने डाइट में सिंघाड़ा शामिल करना चाहिए. इसमें मौजूद आयोडीन और पोटैशियम थायरॉयड ग्लैंड्स के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं. यह शरीर में हार्मोन्स को नियंत्रित करता है और सूजन या वजन बढ़ने की समस्या से राहत दिलाता है. थायरॉयड के मरीज सिंघाड़े का आटा बनाकर उससे पराठा या लड्डू खा सकते हैं. इससे उन्हें ऊर्जा भी मिलेगी और मेटाबॉलिज्म भी सही रहेगा.
डायबिटीज के मरीजों को सिंघाड़ा अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए. इसमें मौजूद फाइबर ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करता है और ग्लूकोज को धीरे-धीरे शरीर में रिलीज़ होने देता है. यह भूख को भी कम करता है जिससे वजन पर नियंत्रण रहता है. सिंघाड़े का सेवन उबले हुए रूप में या हल्के नमक के साथ करना सबसे अच्छा माना जाता है. यह मीठे की इच्छा को भी कम करता है और शरीर को जरूरी पोषण देता है.
जिन लोगों की त्वचा डल, ड्राई या पिंपल्स से ग्रस्त रहती है, उनके लिए सिंघाड़ा किसी ब्यूटी टॉनिक से कम नहीं है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन ई त्वचा को अंदर से हाइड्रेट करते हैं और उसे ग्लोइंग बनाते हैं. सिंघाड़े के नियमित सेवन से झुर्रियां और दाग-धब्बे भी कम होते हैं. यह शरीर को डिटॉक्स करता है और त्वचा की चमक को बढ़ाता है. आप चाहें तो सिंघाड़े का पाउडर बनाकर फेस पैक में भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
सिंघाड़े का आटा बेहद पौष्टिक होता है और इससे कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं. उपवास के दौरान अक्सर लोग सिंघाड़े के आटे से हलवा, पराठा या कटलेट बनाते हैं. हलवा बनाने के लिए देसी घी में सिंघाड़े का आटा भूनकर उसमें गुड़ और दूध मिलाएं. वहीं, पराठे या टिक्की में इसमें उबला आलू और मसाले मिलाकर तवे पर सेंक लें. यह न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि एनर्जी देने वाले भी हैं.
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October 19, 2025, 08:04 IST
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इन 5 लोगों के लिए संजीवनी से कम नहीं है सिंघाड़ा, जानें कैसे करता है कमाल