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कोरोना की वजह से परीक्षाएं स्थगित हो गई थीं, अब यूनिवर्सिटी की परीक्षा कराने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है. (फाइल फोटो)

कोरोना की वजह से परीक्षाएं स्थगित हो गई थीं, अब यूनिवर्सिटी की परीक्षा कराने के लिए सरकार ने कमेटी बनाई है. (फाइल फोटो)

राजस्थान की यूनिवर्सिटीज के मौजूदा सत्र की स्थगित परीक्षाओं के लिए सरकार ने कमेटी का गठन किया है. आगामी सत्र को समय पर शुरू करने के संबंध में यह कमेटी सुझाव देगी. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी कुलपति डाॅ. देवस्वरूप के संयोजन में कमेटी का गठन किया गया है.

जयपुर. राजस्थान के विश्वविद्यालयों के मौजूदा सत्र की स्थगित परीक्षाओं का आयोजन कराने के लिए कमेटी का गठन किया गया है. आगामी  सत्र को समय पर शुरू करने के संबंध में यह कमेटी सुझाव देगी. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी कुलपति डाॅ. देवस्वरूप के संयोजन में कमेटी गठित की गई है. इसमें गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर और हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय जयपुर, सहित आयुक्त काॅलेज शिक्षा और संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा को शामिल किया गया है. यह समिति कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों के तहत MHRD या संबंधित संस्थाओं जिनमे कि UGC, AICTE, NCTE, BCI के मापदण्डों और इन के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुरूप सुझाव देगी. कोविड-19 के चलते परीक्षाओं के आयोजन, शैक्षणिक सत्र  के संदर्भ में समय-समय पर जारी निर्देशों एवं अन्य सभी पहलूओं पर विचार-विमर्श कर सुझाव देगी. सुझाव में परीक्षाएं ऑनलाइन या ऑफलाइन आयोजित करने, परीक्षाओं की तिथि का निर्धारण, पाठ्यक्रम में कमी करने, प्रश्न-पत्र हल करने के संबंध में विकल्प उपलब्ध कराने, परीक्षा का समय कम करने, उत्तर पुस्तिकों का मूल्यांकन व परीक्षा परिणाम जारी करने के, जिन कक्षाओं/समेस्टर  में विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के अगली कक्षा/समेस्टर में  प्रमोट करना संभव हो, उनके लिए प्रमोट करने ओर इसका फार्मूला तय करने और आगामी शैक्षणिक सत्र शुरू करने के सभी बिन्दुओं पर  सलाह देगी. उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पाने के कारण आगामी शैक्षणिक सत्र भी प्रभावित होने की संभावना है. मंत्री ने बताया कि विगत सत्र में यह भी ध्यान में आया कि विश्वविद्यालयों ने विद्यार्थियों को आगामी कक्षाओं में प्रमोट करने के संबंध में भी अलग-अलग नीति अपनाई गई. कुछ विश्वविद्यालयों ने अंक तालिकाओं में प्राप्तांक दर्शाये गए जबकि कुछ ने प्राप्तांक नहीं दर्शाये गए. ऐसे में यह समिति इस संबंध में भी अपने सुझाव एवं स्पष्ट अनुशंषा करेगी. ताकि सभी विश्वविद्यालयों में एक जैसी नीति अपनाई जा सके. उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में विगत वर्ष के काफी विद्यार्थी इंटर्नशिप नहीं कर पाए थे और स्कूल नहीं खुलने के कारण इस वर्ष भी इंटर्नशिप नहीं हो पाई है. समिति इस संबंध में अपनी स्पष्ट सुझाव देगी। समिति  विचार-विमर्श कर अपनी रिपोर्ट 15 दिवस की अवधि में राज्य सरकार को प्रस्तुत करेगी.





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