Kota abheda mahal historical royal hunting spot 18th century architecture SA

शक्ति सिंह/कोटा: राजस्थान के कोटा से 10 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है अभेड़ा महल. रियासत काल के समय का बना हुआ अभेड़ा महल राजा महाराजा का पिकनिक स्पॉट हुआ करता था. यहां पर मनोरंजन के लिए आया करते थे राजा और उनके परिवार के सदस्य, साथ ही यहां पर शिकार करने भी आया करते थे. अभेड़ा शब्द अभ्यारण से बना हुआ है. कोटा में जब हाडा शासकों का शासन हुआ करता था तब अभेड़ा महल में शिकार करने जाया करते थे और साथ ही चित्तौड़ के शासक भी यहां पर शिकार करने आया करते थे. आजादी से पहले यहां पर घना जंगल हुआ करता था और काफी जंगली जानवर भी हुआ करते थे.
स्थापत्य कला और इतिहासलोकल 18 से बात करते हुए इतिहासकार फिरोज अहमद ने बताया कि तीन मंजिला प्राचीन महल स्थापत्य शिल्प की दृष्टि से 18वीं शताब्दी का है. इस महल के अंदर राजा और उनके सदस्य शिकार के समय कुछ वक्त यहां पर बिताया करते थे. पहले यह सिर्फ राजा और उनके परिवार के सदस्यों के लिए ही खुला करता था. लेकिन अब महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय ने कोटा के लोगों के लिए भी इसे खोल दिया, ताकि कोटा के लोग भी इस सुंदर महल को देख सकें और अपने परिवार के साथ यहां पर पिकनिक मना सकें. आजादी के पहले यहां काफी घना जंगल हुआ करता था, लेकिन बाद में शहर का विस्तार हो गया और जंगल भी कम हो गए.
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तालाब और बागइतिहासकार फिरोज अहमद ने बताया कि अभेड़ा महल के पास मौजूद तालाब का निर्माण 1346 में बूंदी के राजकुमारों ने करवाया था जो कि पूरे 12 महीने तक पानी से भरा रहता है. महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय यहां पर सुबह घूमने जाया करते थे. पहले यहां काफी जानवर हुआ करते थे जैसे नीलगाय, सांभर, हिरण, जंगली सूअर जिन्हें प्रतिदिन महाराव की तरफ से दाने डलवाए जाते थे. अभेड़ा महल में बनाया गया गार्डन मुगल गार्डन की तर्ज पर बनाया गया था. यहां काफी संतरे नारंगी के पेड़ हुआ करते थे और महाराव उम्मेद सिंह द्वितीय अंग्रेजों को यहां के संतरे खिलाते थे. कोटा में आज भी पर्यटकों की पहली पसंद बना हुआ है अभेड़ा महल.
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FIRST PUBLISHED : October 16, 2024, 16:54 IST