Rajasthan

Fertilizer scam ED again interrogates CM Gehlot brother Agrasen accompanied by lawyer NODK

 ईडी ऑफिस से बाहर आने पर अग्रसेन गहलोत ने कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.

ईडी ऑफिस से बाहर आने पर अग्रसेन गहलोत ने कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है.

ईडी की पूछताछ में अग्रसेन गहलोत दूसरी बार पेश हुए हैं. वे अपने वकीलों के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे थे, जहां उनसे फर्टिलाइजर घोटाला (Fertilizer Scam) से जुड़े मामलों में पूछताछ की गई.

नई दिल्ली. राजस्थान के चर्चित उर्वरक घोटाला (Fertilizer Scam) मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के भाई अग्रसेन गहलोत सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी (Ed) के सामने पेश हुए. इस दौरान ईडी के अधिकारियों ने उनसे उर्वरक घोटाला मामले में पूछताछ की. वहीं, ईडी ऑफिस से बाहर आने पर अग्रसेन गहलोत ने कहा कि मेरा इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है. मुझे नहीं पता कि मुझे बार-बार क्यों बुलाया जा रहा है. दरअसल, ईडी की पूछताछ में अग्रसेन गहलोत दूसरी बार पेश हुए हैं. वे अपने वकीलों के साथ ईडी दफ्तर पहुंचे थे, जहां उनसे फर्टिलाइजर घोटाला से जुड़े मामलों में पूछताछ की गई.

गौरतलब है कि फर्टिलाइजर घोटाला से जुड़े इस मामले में ईडी इससे पहले भी अग्रसेन गहलोत से पूछताछ कर चुकी है. साथ ही उनके प्रतिष्ठानों पर सर्च ऑपरेशन भी किया जा चुका है. ईडी ने पिछले साल जुलाई में आखिरी बार अग्रसेन गहलोत के ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान राजस्थान समेत देश के अलग-अलग स्थानों पर जांच एजेंसी ने छापा मारा था. यह पूरा कथित घोटाला म्यूरेट ऑफ पोटाश के निर्यात से जुड़ा है. इंडियन पोटाश लिमिटेड इसका आयात करता है और फिर इसे रियायती दाम पर विभिन्न कंपनियों के जरिये किसानों में बांटा जाता है.

जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया था
फर्टिलाइजर घोटाला यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान सामने आया था. इसको लेकर डीआरआई ने मामला दायर किया था, जिसके आधार पर ईडी ने भी रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत कारोबारी हैं, जिनकी कंपनी अनुपम कृषि के ऊपर किसानों के बीच पोटाश वितरण की जिम्मेदारी थी. आरोप है कि अग्रसेन गहलोत की कंपनी ने सब्सिडी वाले उर्वरक को किसानों के बीच बांटने के बजाये निर्यात कर दिया. गहलोत की कंपनी पर यह भी आरोप है कि पोटाश निर्यात करने के लिए जाली दस्तावेजों का सहारा लिया गया था.

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