Rajasthan

Lack of rain- drinking water crisis on large scale- water train may run in Pali next month- राजस्थान में बारिश का टोटा, बड़े स्तर पर पेयजल संकट की आहट, पाली में अगले माह चल सकती है वाटर ट्रेन – News18 Hindi

जयपुर. बारिश (Rain) के अभाव में राजस्थान में जहां एक तरफ फसलें (Crops) तबाह हो चुकी है तो दूसरी तरफ पेयजल संकट की भी आहट आने लगी है. बारिश के अभाव में करीब 14 जिले में अकाल (Draught) की आशंका बढ़ गई है. बारिश की कमी के कारण बीसलपुर और जवाई जैसे बड़े बांधों में पानी पैंदे में बैठता जा रहा है. अगर बारिश नहीं हुई तो प्रदेश के 8-10 जिलों में पेयजल का भारी संकट (Water Crisis) आने वाला है. खासकर राजधानी जयपुर और इसके आसपास जिलों समेत जोधपुर संभाग के कई जिलों में यह संकट जल्द गहरा सकता है. हालात को देखते हुये पाली में तो अगले माह वाटर ट्रेन चलाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है.

मानसून का आधे से ज्यादा समय बीत चुका है. राजस्थान के कुछ एक इलाकों को छोड़ दें तो अभी शेष राजस्थान बारिश के इंतजार में बैठा है. कोटा संभाग में अतिवृष्टि और पूर्वी राजस्थान में भरतपुर संभाग में ठीकठाक बारिश होने से तालाबों और बांधों में पानी जरुर आया है. लेकिन जयपुर संभाग और जोधपुर संभाग समेत अन्य संभागों में बारिश के अभाव में छोटे-बड़े सैंकड़ों बांध अभी पानी को तरस रहे हैं. अगर बारिश नहीं हुई तो पेयजल संकट के हालात बिगड़ सकते हैं.

बीसलपुर में केवल 13 टीएमसी पानी ही शेष
मानसून की बेरुखी के कारण जयपुर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध खाली पड़ा है. यह नहीं भरा तो जयपुर और टोंक, दौसा, अजमेर समेत 6 जिलों में लोग पानी को तरस जाएंगे. 38.50 टीएमसी क्षमता वाले बीसलपुर बांध में गत सप्ताह तक केवल 13 टीएमसी पानी ही शेष बचा था. इस बांध के कैचमेट एरिया में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण इसमें पानी नहीं आया. हालांकि बांध में बेदह कम पानी होने के बावजूद जलदाय विभाग का दावा है कि इससे मार्च तक इन जिलों की प्यास बुझाई जा सकती है. लेकिन विशेषज्ञ विभाग के इस दावे को हकीकत से कोसों दूर बताते हुये कहते हैं यह दिसंबर के बाद ही पूरी तरह से सूख सकता है.

जवाई बांध में सिर्फ 10 दिनों का पानी ही बचा है
दूसरी तरफ जोधपुर संभाग के पाली जिले में स्थित जवाई बांध भी रीतता जा रहा है। यह बांध ही पूरे पाली जिले को पानी सप्लाई करता है. इस बांध में अब सिर्फ 10 दिनों का पानी ही बचा है. जवाई बांध से वर्तमान समय में पाली जिले के 700 से अधिक गावों में पेयजल सप्लाई की जाती है. इसके चलते जिला प्रशासन और जलदाय विभाग में जिले की जनता को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए कंटिजेंट्स प्लान बनाने की मशक्कत शुरू कर दी है. विभाग के चीफ इंजीनियर नीरज माथुर ने कहा कि आगामी 4-5 दिनों में बारिश नहीं होती है तो शहर में पेयजल सप्लाई 96 घंटे चल रही है उसे बढ़ाया भी जा सकता है. जिले में पर्याप्त वर्षा के अभाव में ज्यादातर बांध खाली पड़े हैं.

30 सितंबर तक बारिश नहीं हुई तो ट्रेन चलाई जायेगी
2019 में भी पाली जिले को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए वाटर ट्रेन चलाई गई थी. वहीं इससे पूर्व भी कई बार बारिश नहीं होने के चलते जिले में वाटर ट्रेन जलापूर्ति की गई है. इस बार एक बार फिर अब लोगों को पेयजल के लिए वाटर ट्रेन चलने की संभावना नजर आने लगी है. जलदाय विभाग और रेलवे ने इस संदर्भ में बैठक भी की है. उसमें यह तय किया गया है कि अगर 30 सितंबर तक बारिश नहीं हुई तो एक अक्टूबर से जिले में वाटर ट्रेन के माध्यम से जलापूर्ति की जाएगी.

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