इस मंदिर में नहीं मिलता लड्डू-पेड़े का प्रसाद, भक्तों को बांटे जाते हैं नोट और सिक्के
भारत में कई मंदिर हैं. आप जिस गली चले जाएं, वहां आपको किसी ना किसी भगवान का मंदिर नजर आ जाएगा. हर मंदिर की अपनी मान्यता है. चाहे वो शक्तिपीठ हो या कोई और मंदिर. वहां से जुड़ी कोई ना कोई अनोखी पौराणिक कहानी आपको सुनने के लिए मिल जाएगी. भारत के मंदिर एक और वजह से चर्चा में रहते हैं. यहां ऐसे कई मंदिर हैं, जहां स्पेशल तरीके का प्रसाद मिलता है. कहीं चौमिन मिलता है तो कहीं पकौड़ी.
आज हम आपको चित्तौड़गढ़ के ऐसे ही एक अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. इस मंदिर की खासियत इसका प्रसाद है. लेकिन यहां आपको बता दें कि इस मंदिर में प्रसाद के तौर पर ना तो नारियल मिलता है ना ही लड्डू और ना ही किसी अन्य तरह की मिठाई. इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद के तौर पर नोट और सिक्के बांटे जाते हैं. इस प्रसाद का भी बेहद ख़ास महत्व है.
प्रसाद के लिए लगती है भीड़हम बात कर रहे हैं चित्तौड़गढ़ के धार्मिक तीर्थ स्थल श्री बानोड़ा बालाजी मंदिर की. इस मंदिर के पट छह महीने बाद शरद पूर्णिमा पर खोले गए. इसके बाद यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई. इस मंदिर में कई भगवान विराजमान हैं. इसमें से एक है लक्ष्मी माता मंदिर. इस मंदिर के पट साल में सिर्फ दो बार ही खुलते हैं. साथ ही मंदिर आने वाले भक्तों को ख़ास प्रसाद मिलता है. इस प्रसाद में फूल, यज्ञ हवन कुंड की भभूत, पंचमेवा और नोट और सिक्के होते हैं. इस प्रसाद के लिए यहां भीड़ लगती है.
सिक्के से होता है चमत्कारकहा जाता है कि प्रसाद के पैकेट में भक्त को एक, दो, पांच, दस के सिक्कों के अलावा दस, बीस, पचास, सौ, दो सौ और पांच सौ के नोट भी मिलते हैं. मान्यता है कि इस पैसे को घर में रखने से आर्थिक सम्पन्नता आती है. जिस घर में इस मंदिर के नोट होते हैं, वहां पैसों की कमी नहीं होती. यही वजह है कि भक्त दूर-दूर से इस मंदिर में प्रसाद लेने के लिए आते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 18, 2024, 17:11 IST