बाड़मेर के लाल ने रचा इतिहास! 1 मीटर सटीकता वाला बनाया स्वदेशी डिजिटल मैप, ‘भारत पिन’ से बदलेगा ऐड्रेस सिस्टम

बाड़मेर. कभी रेगिस्तान की मिट्टी में सपने बुनने वाला बाड़मेर का एक युवक आज पूरे भारत का पता बदलने की तैयारी कर रहा है. कनाडा में उच्च शिक्षा लेकर लौटे दीपक शारदा ने ऐसा स्टार्टअप खड़ा किया है, जिसने भारत का 1 मीटर सटीकता वाला डिजिटल मैप तैयार कर दुनिया को चौंका दिया है. इतना ही नहीं उन्होंने देश का अपना डिजिटल ऐड्रेस सिस्टम ‘भारत पिन’ विकसित किया है जो हर घर, खेत और दुकान की पहचान बनेगा.
रेगिस्तान की तपती रेत, दूर-दराज की ढाणियां और अधूरे पते… यही पहचान रही है सीमावर्ती बाड़मेर जिले की, लेकिन अब इसी बाड़मेर का एक युवक पूरे भारत के ऐड्रेस सिस्टम को बदलने की तैयारी कर चुका है. बाड़मेर निवासी दीपक शारदा ने ऐसा स्टार्टअप खड़ा किया है, जो भारत का सटीक डिजिटल मैप बताता है. साथ ही देश का अपना डिजिटल ऐड्रेस सिस्टम ‘भारत पिन’ विकसित किया है.
कनाडा में पढ़ाई कर भारत में शुरू किया अनोखा स्टार्टअप
इस डिजिटल ऐड्रेस सिस्टम में एआई का इस्तेमाल है. जिसमें भारत की सटीकता 1 मीटर और विश्व में 100 मीटर इसकी सटीकता है. दीपक शारदा के स्टार्टअप ने आधुनिक जियो-मैपिंग, सैटेलाइट डेटा, एएआई और एडवांस एल्गोरिदम का इस्तेमाल कर भारत का ऐसा मैप तैयार किया है, जो शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण और सीमावर्ती क्षेत्रों में भी बेहद सटीक है. बाड़मेर के दीपक शारदा ने कनाडा में पढ़ाई के दौरान ग्लोबल मैपिंग और टेक्नोलॉजी सिस्टम को नजदीक से समझा और भारत में कुछ करने की चाहत ने उसे डिजिटल मैपिंग का बादशाह बना दिया है. दीपक शारदा के मुताबिक अगर भारत को सही मायनों में डिजिटल बनाना है तो सबसे पहले हर नागरिक और हर जगह की सही पहचान जरूरी है.
स्टार्टअप को केन्द्र और राज्य से मिला प्रोत्साहन
दीपक शारदा के इस स्टार्टअप के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्र सरकार ने 1 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया था और राज्य सरकार ने भारत पिन और भारत मैप के लिए 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया है. दीपक शारदा ने लोकल 18 को बताया कि भारत को डिजिटल बनाने की असली शुरुआत हर जगह की सही पहचान से होती है. उन्होंने कहा कि ‘भारत पिन’ के जरिए हम चाहते हैं कि देश के आख़िरी गांव और ढाणी तक सटीक पता पहुंच सके. हमने भारत का ऐसा मैप तैयार किया है जो सिर्फ शहरों के लिए नहीं बल्कि गांव, ढाणी और दूरस्थ इलाकों के लिए भी 1 मीटर तक सटीक है.
क्या है भारत पिन और कैसे करेगा काम
भारत पिन एक नया डिजिटल एड्रेसिंग सिस्टम है. इसमें दो भाग होते हैं “यूपिन और पीपिन”. यूपिन + पीपिन से किसी भी स्थान का सटीक डिजिटल पता बनता है. यह 7 अक्षरों/अंकों का आसान कोड होता है (जैसे: BCR-2457). पहला अक्षर जिले की पहचान दर्शाता है (बाड़मेर के लिए B) दूसरा अक्षर तहसील या स्थानीय पहचान का संकेत होता है, जहां सड़कें मिलती हैं, गली कटती है, तिराहा या चौराहा होता है, वहां यूपिन दिया जाएगा. सड़क के शुरू या खत्म होने वाले स्थान पर भी यूपिन होगा.
भारत पिन से मिलेंगे ये फायदे
गलत पतों से होने वाला जीडीपी का 0.5% नुकसान रोका जा सकेगा. सरकारी योजनाओं और लाभों की ट्रैकिंग आसान होगी. बैंकिंग व वित्तीय सेवाओं की गलत या अपूर्ण पहुंच समाप्त होगी. इसके साथ ही गलत पतों से जुड़े भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी. असंगठित क्षेत्र में भारत पिन डेटा संग्रह का सबसे बड़ा माध्यम बनेगा.



