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लालाराम डूडा बने किसानों की प्रेरणा! जैविक खेती की जगा रहे अलख, जानें कैसे की इस मुहिम की शुरूआत

Last Updated:March 17, 2025, 16:59 IST

Farmer Lala Ram Dudi Pramoting Organic Farming: राजस्थान के 74 वर्षीय किसान लालाराम डूडी किसी परिचय के मोहताज नहीं है. पिछले 38 वर्षो से खुद जैविक खेती कर रहे हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर किसानों के ब…और पढ़ेंX
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जैविक किसान लालाराम डूडी

पाली. जैविक खेती का हमारे जीवन में क्या महत्व है, यह शायद ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. मगर राजस्थान के इस किसान ने ना सिर्फ जैविक खेती की महत्व को समझा बल्कि इससे हजारों किसानों को जोड़ने का काम किया है. जोधपुर के किसान लालाराम डूडी राजस्थान ही नहीं बल्कि देश के अलग-अगल हिस्सों में जाते हैं और किसानों में जैविक खेती की अलख को जगाने का काम कर रहे हैं. जैविक किसान के रूप में लालाराम देश ही नहीं बल्कि विदेश में काफी प्रसिद्ध है.

एक समय था जब लालाराम डूडी पंजाब और हरियाणा में खेती का काम किया करते थे. 13 साल तक वहां रहकर खेती का काम किया और इस दौरान उन्हें पता चला कि फसलों में यूरिया सहित अन्य रसायन का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. तक ठान लिया कि अब जैविक खेती ही करेंगे. 1998 में लालाराम ने जैविक खेती करना प्रारंभ किया. इसके बाद देश-विदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच जाकर अलख जगाने का काम करते आ रहे हैं.

जब पहली बार देखी कैंसर ट्रेन तब रह गए हैरान

फलोदी जिले के रहने वाले 74 वर्षीय जैविक किसान लालाराम डूडी ने लोकल-18 को बताया कि एक समय था जब हरियाणा और पंजाब में 13 सालों तक खेत में काम किया. एक समय देखा कि वहां से ट्रेन चलती थी जिसको लोग कैंसर ट्रेन कहते थे. इसके बारे में जानकारी एकत्रित तो पता चला कि कैंसर एक बीमारी है. इस ट्रेन से कैंसर के मरीज इलाज कराने के लिए बीकानेर जाते थे. इसके बाद दो साल वहीं रहकर जैविक खेती करना प्रारंभ किया. जिसमें यूरिया सहित अन्य केमिकल का उपयोग नहीं किया. इसका परिणाम यह आया फसलों के उत्पादन क्षमता में वुद्धि हो गई और पूरे गांव में चर्चा में आ गए. इससे जैविक खती करने का जो हौसला मिला, वह अब भी जारी है.

सरकार की ओर से मिल चुकी 8.13 हेक्टेयर जमीन

किसान लालाराम डूडी ने बताया कि उनका उद्देश्य यही था कि कैंसर बीमारी से लोगों को बचाया जाए. डूडी बताते है कि 74 वर्ष हो जाने के बाद भी भारत के अलग-अलग राज्यों में जाते रहते हैं और किसानों को जैविक खेती के महत्व को समझाते हुए उनमें जैविक खेती की अलख जगाने का काम करते है. किसान लालाराम वर्ष 1988 से जैविक तरीके से खेती कर रहे हैं. इनकी 8.13 हेक्टेयर भूमि राज्य जैविक प्रमाणीकरण की ओर से पंजीकृत है. जैविक विशेषज्ञ हर साल ऑडिट कर रिपोर्ट देते हैं. यहां रबी में गेहूं, चना, सरसों, मेथी, जीरा, धनिया तथा खरीफ में बाजरा, मूंग, मोठ, तिलहन की फसल होती है. वे महिलाओं की आय दोगुनी करने के लिए काजरी की ओर से प्रशिक्षित महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें रोजगार भी मुहैया करवा रहे है. किसान डूडी के नेतृत्व में 13 महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़कर रोजगार पा रही है.

37 साल से खुद कर रहे हैं जैविक खेती

जोधपुर जिले के पड़ासना गांव निवासी किसान लालाराम डूडी अपने जैविक खेती के अभियान से उन्होंने अपने साथ अब तक सात हजार से अधिक किसानों को जोड़ लिया है. उन्हाेंने जैविक खेती के लिए अपने क्षेत्र में काम छेड़ा हुआ है. अब तक सात हजार किसानों को इससे जोड़ चुका हूं. ये किसान पहले खेती में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल करते थे, लेकिन धीरे-धीरे अब जैविक पर आ गए हैं. उनका संकल्प है कि आने वाले समय में पूरा राजस्थान खेती के मामले में जैविक जिला बने.


First Published :

March 17, 2025, 16:59 IST

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लालाराम डूडा बने किसानों की प्रेरणा! जैविक खेती बढ़ावा देने के लिए कर रहे काम

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