Law students will be able to student union elections till the 28 age | राजस्थान विश्वविद्यालय : एलएलएम के छात्र 28 की आयु तक लड़ सकेंगे छात्रसंघ चुनाव
जयपुरPublished: Jul 12, 2023 11:46:03 pm
जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी ने एलएलएम पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस, ओबीसी और एमबीसी श्रेणी के लिए न्यूनतम पात्रता में पांच फीसदी तक की छूट दे दी है। विवि के इस निर्णय से छात्रसंघ चुनावों में दावेदारी जता रहे कुछ छात्राओं को भी फायदा पहुंचेगा।
Rajasthan University
जयपुर. राजस्थान यूनिवर्सिटी ने एलएलएम पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस, ओबीसी और एमबीसी श्रेणी के लिए न्यूनतम पात्रता में पांच फीसदी तक की छूट दे दी है। पहले जहां प्रवेश के लिए एलएलबी में न्यूनतम पात्रता 55 फीसदी थी, अब इसे कम कर 50 फीसदी कर दिया है। यूनिवर्सिटी का यह निर्णय भले ही छात्रहित में नजर आ रहा है, लेकिन इसके मायने और भी हैं। विवि के इस निर्णय से छात्रसंघ चुनावों में दावेदारी जता रहे कुछ छात्राओं को भी फायदा पहुंचेगा। करीब आधा दर्जन छात्र नेताओं की उम्र 25 से अधिक हो चुकी है, लेकिन उन्हें 28 साल तक चुनाव लड़ने की छूट मिलेगी। हालांकि इसकी मांग कई सालों से की जा रही थी। लेकिन विवि ने इस साल छूट दी है। यूनिवर्सिटी की ओर से एलएलएम एंट्रेंस टेस्ट के बाद दी गई इस छूट पर सवाल खड़ेे हो रहे हैं।
नियम यह कि लॉ के छात्र 28 तक लड़ सकते चुनाव
नियमों के तहत छात्रसंघ चुनाव लड़ने के लिए उम्र 25 साल तय हैं। लेकिन अगर लॉ के छात्र हैं तो वह 28 उम्र तक अपेक्स बॉडी के लिए छात्रसंघ चुनाव लड़ सकता है। इन पाठ्यक्रमों में सीटों की संख्या भी 300 से अधिक रहती है। यही कारण है कि चुनाव लड़ने के लिए अधिकतर छात्रनेता एलएलएम और डीएलएल में प्रवेश लेते हैं।
टेस्ट से पहले होता संशोधन तो और फायदा
राजस्थान यूनिवर्सिटी की ओर से पहले एलएलबी में न्यूनतम पात्रता 55 फीसदी तय थी। अब इसे 50 फीसदी कर दिया। विशेषज्ञों की मानें तो अगर यह संशोधन एलएलएम ऐंट्रेंस टेस्ट से पहले होता तो सैकड़ों छात्रों को आवेदन करने का मौका मिलता। लेकिन कई छात्रनेता ऐसे हैं, जिन्होंने 55 फीसदी कम अंक होने के बाद भी आवेदन कर परीक्षा दे दी थी।
–लॉ के छात्र को 28 की उम्र तक छात्रसंघ चुनाव लड़ने की छूट मिलती है। अन्य पाठ्यक्रमों में 25 साल की उम्र तक चुनाव लड़ सकता है। इसीलिए अधिकतर छात्रनेता लॉ में एडमिशन लेते हैं।
नरेश मलिक, डीएसडब्ल्यू राजस्थान यूनिवर्सिटी