जानें गर्मी में ठंडी तासीर वाली 5 बूटियां…करें पेट, लिवर और पाचन को दुरुस्त

Herbal Remedies/रामपुर. गर्मी का मौसम आते ही लोग ऐसे उपायों की तलाश करने लगते हैं, जिससे शरीर को राहत मिल सके. चिलचिलाती धूप, उमस और लू से लोग परेशान रहते हैं. आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों बताई गई हैं जिनकी तासीर ठंडी होती है और ये शरीर को अंदर से ठंडक देने का काम करती हैं. रामपुर के आयुष चिकित्सा अधिकारी डॉ. मोहम्मद इकबाल का कहना है कि गर्मी में सही खानपान बहुत जरूरी होता है. इस मौसम में अगर ठंडी तासीर वाली चीजों को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लिया जाए तो शरीर में पित्त संतुलित रहता है और कई मौसमी परेशानियां जैसे पेट में जलन, अपच, हीट स्ट्रोक और त्वचा संबंधी समस्याएं दूर रहती हैं.
डॉ. इकबाल के मुताबिक उनके पास आने वाले कई मरीजों को वे खुद आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का प्रयोग करने की सलाह देते हैं. आइए डॉ. मोहम्मद इकबाल से 5 ऐसी प्रमुख जड़ी-बूटियों के बारे में जानते हैं, जो गर्मियों में बेहद फायदेमंद हो सकती हैं. डॉ. इकबाल का कहना है कि इन सभी जड़ी-बूटियों का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें.
मुलेठी
डॉ. इकबाल कहते हैं कि मुलेठी की तासीर ठंडी होती है और ये गले की खराश, पेट की जलन और पाचन की दिक्कतों में राहत देती है. गर्मियों में मुलेठी का पानी या चाय पीना बहुत लाभकारी माना जाता है. इसे आप चबाकर भी खा सकते हैं.
इलायची
हरी इलायची भी ठंडी तासीर वाली होती है. डॉ. इकबाल बताते हैं कि ये पाचन को सुधारती है और पेट की गैस व ऐंठन से राहत दिलाती है. चाय में डालकर या सीधे खाने में इस्तेमाल करके इसका सेवन किया जा सकता है.
खस की जड़
गर्मियों में खस की जड़ का पानी पीना बहुत फायदेमंद होता है. इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर को ठंडा रखते हैं और डिहाइड्रेशन से बचाते हैं. डॉ. इकबाल के अनुसार, एक बोतल पानी में खस की जड़ डालकर दिनभर पीना चाहिए.
पुदीना
पुदीना न केवल स्वाद बढ़ाता है, बल्कि ये शरीर को डिटॉक्स भी करता है. इसकी चटनी या पानी शरीर को ठंडक देता है. और पाचन तंत्र को मजबूत करता है. पुदीना पित्त दोष को भी संतुलित करता है.
भृंगराज
भृंगराज को अक्सर बालों की औषधि माना जाता है, लेकिन डॉ. इकबाल बताते हैं कि ये पेट, लिवर और पाचन में भी असरदार है. इसकी ठंडी तासीर शरीर की गर्मी को शांत करती है. इसका रस निकालकर सेवन करना लाभकारी होता है.