Legislature supreme in a democracy, it has the right to make laws | लोकतंत्र में विधायिका सर्वोच्च, कानून बनाने का अधिकार उसी के पास: बिरला
जयपुरPublished: Jan 12, 2023 09:10:53 pm
– न्यायपालिका के दखल पर फिर बोले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सभी संस्थाओं को मर्यादा में रहना जरूरी
– विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने कहा…न्यायपालिका को कानून की समीक्षा का अधिकार लेकिन गाइड करने का नहीं

लोकतंत्र में विधायिका सर्वोच्च, कानून बनाने का अधिकार उसी के पास: बिरला
जयपुर. अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों को सम्मेलन गुरुवार को खत्म हो गया। यह सम्मेलन कई मायनों में याद रखा जाएगा, लेकिन एक विशेष कारण से इसे लम्बे समय तक याद रखा जाएगा। इस दो दिवसीय सम्मेलन में न्यायपालिका पर उठाए गए सवाल सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रहे।
सम्मेलन के समापन के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी ने पत्रकारों से बातचीत की और सम्मेलन में पारित किए गए 9 प्रस्तावों पर चर्चा की, लेकिन पत्रकार वार्ता में भी मुद्दा न्यायपालिका के दखल का ही छाया रहा। ओम बिरला ने एक बार फिर न्यायपालिका के प्रति सम्मान दिखाते हुए कहा कि विधायिका सर्वोच्च है और उसे ही कानून बनाने का अधिकार है। न्यायपालिका को उस कानून की समीक्षा का अधिकार तो है, लेकिन गाइड करने का नहीं। न्यायपालिका का सम्मान है, लेकिन अपेक्षा है कि संवैधानिक परम्पराओं का सम्मान किया जाए। आपसी सामंजस्य से काम किया जाए। कार्यपालिका की जवाबदेही भी तय होना जरूरी है।