28 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी

28 सूत्रीय मांगों को लेकर सड़क पर उतरने की चेतावनी
— विद्युत श्रमिक महासंघ का 61वें दिन भी धरना जारी
— कर्मचारियों में रोष व्याप्त
जयपुर। राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ (Rajasthan Electricity Workers Federation) के नेतृत्व में विद्युत कर्मचारियों की ओर से 28 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा आंदोलन (protest) अब उग्र रूप लेता जा रहा है। कर्मचारियों ने मांगों को नहीं मानने को लेकर अब सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है। विद्युत श्रमिक महासंघ के नेतृत्व में कर्मचारियों का शनिवार को 61वें दिन भी धरना जारी रहा।
राजस्थान विद्युत श्रमिक महासंघ के महामंत्री विजयसिंह बाघेला ने बताया कि विद्युत भवन पर 28 सूत्रीय मांगों को लेकर पांच निगमों के कर्मचारियों की ओर से क्रमिक अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। कर्मचारियों की मांगों पर डिस्कॉम प्रशासन की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। सर्दी में भी मजदूर धरने पर बैठा है, मगर प्रशासन बेखबर है। महासंघ की ओर से अपनी मांगों को लेकर समय-समय पर प्रदर्शन करके ज्ञापन देकर सरकार एवं प्रशासन को अवगत कराया है, मगर कोई भी सकारात्मक हल नहीं निकाला गया। इसलिए संगठन ने तय किया है कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक विद्युत भवन पर क्रमिक धरना जारी रहेगा।
जोधपुर डिस्कॉम कर्मचारी महासंघ महामंत्री लवजीत सिंह ने का कहना है कि प्रजातंत्रिक संघर्ष के प्रति प्रशासन व सरकार की बेरुख़ी लोकतंत्र के लिये अच्छे संकेत नही है। कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी गई तो आंदोलन तेज किया जाएगा। सड़क पर उतरने की जरूरत हुई तो कर्मचारी सड़क पर भी उतरेंगे। कर्मचारियों का कहना है कि विद्युत कंपनियों का घाटा बढ़ रहा है और जनता महंगी बिजली की शिकार हो रही है।
ये है प्रमुख मांगे
— विद्युत निगमों में निजीकरण पर रोक लगाकर नई भर्ती हो
— पांचों विद्युत कंपनियों को आपस में विलय करके एक विद्युत मंडल बने
— आईटीआई स्किल्ड तकनीकी कर्मचारियों का पदनाम परिवर्तन हो एवं प्रमोशन का वित्तीय लाभ नियुक्ति तिथि से दिया जाए
— सिनियर इंजीनियर सुपरवाइजर का पद स्वीकृत किया जाए
— लिंगभेद नीति के तहत वंचित कर्मचारियों को बाबू बनाया जाए
— विद्युत कर्मचारियों को प्रतिमाह 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाए
— कर्मचारियों को हार्ड ड्यूटी भत्ता दिया जाए