500 में बेचते थे Levis की जींस, Buy 1 Get 1 Free का भी ऑफर, यूं चल रहा था नकली कपड़ों का धंधा
त्योहार का सीजन आते ही लोग शॉपिंग में जुट जाते हैं. दीवाली पर नए कपड़े पहनना शुभ माना जाता है. इस कारण इस दौरान रेडीमेड कपड़ों का कारोबार खूब फलने-फूलने लगता है. अभी तक सामान में मिलावट की जाती थी. दीवाली पर नकली मावे, घी का कारोबार देखने को मिलता था. लेकिन अब तो नकली कपड़ों का कारोबार भी खूब फल-फूल रहा है. बीते दिनों श्रीगंगानगर में कई दुकानों पर छापा मार पुलिस ने नकली कपड़ों की खेप बरामद की.
श्रीगंगानगर के सेतिया कॉलोनी में कई दुकानें नकली कपड़ों का कारोबार चला रहे थे. मुख्य रोड पर संचालित एक्सजोन रेडीमेड दुकान से पुलिस ने लिवाइस की अस्सी जीन्स और और अन्य ब्रांड्स के 55 जीन्स बरामद किये. इन कंपनियों के जेनस असल में दो से तीन हजार के बीच मिलते हैं. लेकिन इस दुकान में इन्हें पांच से सात सौ के बीच बेचा जा रहा था. लोग भी सस्ते में ब्रांडेड कपड़े के लालच में इन्हें खरीद रहे थे. लेकिन असल में ये कपड़े नकली थे. इनपर सिर्फ कंपनियों के लेबल लगा कर इन्हें ब्रांडेड बताकर बेचा जा रहा था.
डुप्लीकेट माल का कारोबारछापा मारने वाले जवाहरनगर सीआई देवेंद्र सिंह ने बताया कि इन दुकानों पर महंगे ब्रांड्स के कपड़े बेहद सस्ते दाम में बेचे जा रहे थे. जिन कपड़ों की ओरिजनल वैल्यू आठ हजार तक है, वो मात्र पांच सौ से एक हजार में बिक रही थी. इसकी शिकायत उन्हें मुंबई से ही मिली थी. इसके आधार पर जब उन्होंने छापा मारा तो नकली कपड़ों की खेप बरामद की गई. ये कपड़े लुधियाना से बनकर आ रहे थे. इन कपड़ों के ऊपर सिर्फ ब्रांड्स के स्टिकर और लोगो लगा दिए जा रहे थे.
त्योहारों में बंद हुई दुकानेंनकली कपड़ों के कई दुकानों पर छापा पड़ने के बाद मार्केट की कई दुकानें बंद हो गई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि शायद इनमें भी ऐसा ही धंधा चल रहा था. बता दें कि सेतिया कॉलोनी की कई दुकानों में नकली माल बेचा जा रहा था. छोटी दुकानों में ही दस से बारह स्टाफ देखने को मिल रहे थे. इनमें लोकल जीन्स के अलावा लिवाइस, डीजल, पोलो आदि ब्रांड्स के स्टिकर लगाकर नकली कपड़े बेचे जा रहे थे. लेकिन त्योहार से ठीक पहले पड़े छापे की वजह से कई दुकानें अब बंद दिखाई दे रही है.
FIRST PUBLISHED : October 19, 2024, 12:07 IST