डीजे, रील और अंधविश्वास के बीच बुझ गई जिंदगी, सांप के डंसने से नाबालिग की मौत, परिजनों में मचा कोहराम

Last Updated:December 22, 2025, 08:59 IST
चित्तौड़गढ़ के बड़ोदिया गांव में अंधविश्वास और धार्मिक परंपरा के नाम पर सांप पकड़ने की खतरनाक कवायद एक नाबालिग की मौत का कारण बन गई. डीजे और रील बनाने की होड़ के बीच सांप ने 11वीं के छात्र मोहित जाट को डंस लिया. समय पर अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़-फूंक कराई गई, जिससे हालत बिगड़ती चली गई. बाद में उदयपुर रेफर किए जाने पर उसकी मौत हो गई.छात्र की मौत के बाद परिजन सदमे में है.
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चित्तोड़गढ़ में सांप डंसने के बाद झाड़-फूंक के चक्कर में छात्र की मौत
चित्तौड़गढ़. अंधविश्वास और कथित धार्मिक परंपराओं के नाम पर की जाने वाली खतरनाक गतिविधियां किस तरह जानलेवा साबित हो सकती हैं, इसका दर्दनाक उदाहरण चित्तौड़गढ़ जिले के बड़ोदिया गांव में सामने आया है. यहां सांप को देवता मानकर उसे डीजे की धुनों के बीच पकड़ने की परंपरा एक नाबालिग की मौत का कारण बन गई. इस घटना ने न सिर्फ एक परिवार को गहरे शोक में डुबो दिया, बल्कि समाज में फैले अंधविश्वास पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
मामला चित्तौड़गढ़ जिले के समीपवर्ती बड़ोदिया गांव का है. रोला हेड़ा निवासी और भाजपा मंडल अध्यक्ष राजमल सुखवाल के अनुसार, बीते कुछ समय से आसपास के ग्रामीण इलाकों में एक खतरनाक परंपरा चल रही है. इस परंपरा के तहत गांव में सांप निकलने पर उसे देव आगमन का संकेत मान लिया जाता है और डीजे बजाते हुए पूरे धार्मिक उत्साह के साथ सांप पकड़ने की कवायद की जाती है. सांप को देवता का रूप मानकर लोग उसे पकड़ने और पूजने में जुट जाते हैं, जबकि सुरक्षा के नियमों और खतरों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया जाता है.
अस्पताल ले जाने के बजाए कराने के लगे झाड़-फूंक
शुक्रवार को बड़ोदिया गांव में भी ऐसा ही एक सांप निकल आया. इसके बाद स्थानीय भोपा रतन गुर्जर के नेतृत्व में गांव के लोग डीजे बजाते हुए सांप पकड़ने के लिए एकत्र हो गए. इसी दौरान गांव का नाबालिग किशोर मोहित जाट, जो 11वीं कक्षा का छात्र था और लक्ष्मण जाट का पुत्र था, सांप को पकड़ने के लिए आगे बढ़ा. आस-पास मौजूद लोग इस पूरे घटनाक्रम को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करने लगे और रील बनाने में व्यस्त हो गए. इसी दौरान सांप ने मोहित को डंस लिया. सांप के काटते ही किशोर की हालत बिगड़ने लगी और वह बेहोश हो गया. इसके बावजूद तत्काल चिकित्सकीय सहायता लेने के बजाय उसे पहले एक स्थानीय देवी स्थान पर ले जाया गया.
अंधविश्वास के चक्कर में मोहित की चल गई जान
लोगों ने यहां झाड़-फूंक और धार्मिक उपायों का सहारा लिया गया. समय गंवाने के कारण उसकी हालत और गंभीर होती चली गई. जब तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ, तब परिजन और ग्रामीण उसे चंदेरिया ले गए और बाद में सांवलियाजी राजकीय चिकित्सालय पहुंचाया गया. वहां से डॉक्टरों ने हालत गंभीर देखते हुए उसे उदयपुर रेफर कर दिया. हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद उदयपुर में इलाज के दौरान मोहित की मौत हो गई. अंधविश्वास और दिखावे की परंपराएं के चलते मोहित की मौत हो गई. समय पर सही इलाज मिल जाता तो शायद एक मासूम की जान बचाई जा सकती थी. गांव में मातम का माहौल है और परिजन सदमे में हैं.About the Authordeep ranjan
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
Location :
Chittaurgarh,Rajasthan
First Published :
December 22, 2025, 08:59 IST
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अंधविश्वास का खौफनाक अंजाम! सांप को देवता मानकर पकड़ने में नाबालिग की गई जान



