lifestyle tips limit fruit juice consumption suggestions sa
नवसारी: आजकल बाजार में फल जूस की मांग काफी बढ़ गई है. कोरोना महामारी के बाद लोग अपनी सेहत को लेकर ज्यादा सतर्क हो गए हैं और हेल्दी लाइफस्टाइल को अपना रहे हैं. इस कारण फलों का सेवन और खासकर फल जूस की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है, लेकिन क्या यह ट्रेंड वाकई में हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है?
डाइटिशियन की रायबता दें कि जानी-मानी डाइटिशियन डॉ. किन्नरीबेन (Dietitian Dr. Kinnariben) के अनुसार, अधिक मात्रा में फल जूस का सेवन सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि फलों में प्राकृतिक मिठास (नेचुरल शुगर) होती है. भले ही जूस में बाहर से चीनी न डाली जाए, फिर भी फलों की प्राकृतिक मिठास हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है.
फाइबर की कमी का असरबता दें कि डॉ. किन्नरी ने एक महत्वपूर्ण बात बताई कि एक गिलास जूस बनाने के लिए आमतौर पर 4-5 फल इस्तेमाल किए जाते हैं. जूस बनाते समय हम फल का फाइबर और छिलका निकाल देते हैं, जो कि ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. बिना फाइबर के जूस पीना, सीधे चीनी का सेवन करने जैसा है.
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संतुलित सेहत का मंत्रडॉ. किन्नरी का कहना है कि एक स्वस्थ जीवनशैली (healthy lifestyle) के लिए पूरे फल का सेवन करना चाहिए और फल जूस का अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए. इस तरह हम प्राकृतिक पोषक तत्वों का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं और साथ ही अपनी सेहत को संभावित नुकसान से बचा सकते हैं. फल जूस सेहतमंद तो है, लेकिन केवल संतुलित मात्रा में. पूरे फल का सेवन हमेशा जूस से बेहतर है क्योंकि यह हमारे शरीर को फाइबर और पोषक तत्वों का सही अनुपात प्रदान करता है.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 18:36 IST
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