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lime lemon difference: Lime और Lemon में अंतर क्या है जानें रंग, स्वाद और पोषण के फर्क.

अक्सर लोग लाइम और लेमन को एक ही समझ लेते हैं, लेकिन असल में दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं. देखने में भले ही दोनों का रंग और आकार कुछ हद तक मिलता-जुलता हो, लेकिन इनके स्वाद, पोषण और इस्तेमाल में बड़ा फर्क होता है. भारत में प्रचलित नींबू को आमतौर पर “लाइम” कहा जाता है, जबकि “लेमन” ज्यादातर विदेशी देशों में पाया जाता है. लाइम का आकार छोटा और रंग हल्का हरा होता है, जबकि लेमन थोड़ा बड़ा और पीले रंग का होता है. लाइम का स्वाद ज्यादा खट्टा होता है, जबकि लेमन का फ्लेवर थोड़ा मीठा और नरम माना जाता है.

लाइम (Lime) और लेमन (Lemon) दोनों ही सिट्रस फल परिवार के सदस्य हैं, जिसमें ऑरेंज, टेंजरिन और मैंडरिन जैसे फल भी शामिल हैं. हालांकि दोनों को आमतौर पर लोग एक जैसा मान लेते हैं, लेकिन असल में ये काफी अलग होते हैं. इनके रंग, आकार, स्वाद और पोषक तत्वों में स्पष्ट अंतर देखने को मिलता है. आइए जानते हैं दोनों के बीच के मुख्य अंतर

सबसे पहले बात करते हैं इसके रंग की. लेमन पकने पर चमकीले पीले रंग का हो जाता है, जबकि लाइम पका होने के बाद भी हरे रंग का ही रहता है. कच्चे नींबू का रंग हल्का हरा हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे वह पकता है, पीला हो जाता है. वहीं लाइम का रंग पूरे समय हरा रहता है और यही उसे लेमन से अलग बनाता है.

आकार और शेप की बात करें तो, लेमन आकार में बड़ा और थोड़ा लंबा (अंडाकार) होता है, जबकि लाइम छोटा और गोल आकार का होता है. स्वाद की दृष्टि से भी दोनों में फर्क है, लेमन का स्वाद हल्का मीठा और कम खट्टा होता है, जबकि लाइम ज्यादा खट्टा और तीखा माना जाता है. यही वजह है कि लाइम का स्वाद थोड़ा अधिक तेज़ लगता है, जबकि लेमन का फ्लेवर स्मूद और फ्रेशनेस से भरा होता है.

छिलके की मोटाई (Thickness of Skin) भी इन दोनों में अलग होती है. लेमन का छिलका मोटा और थोड़ा खुरदुरा होता है, जबकि लाइम का छिलका पतला और चिकना होता है. इस वजह से लाइम को निचोड़ना आसान होता है और उसमें से रस जल्दी निकल आता है, जबकि लेमन को निचोड़ने में थोड़ा अधिक समय लगता है.

अब बात करते हैं स्वाद और उपयोग (Taste & Usage) की. लाइम का स्वाद ज्यादा खट्टा होता है, इसलिए इसे आमतौर पर नमकीन व्यंजनों और ड्रिंक्स जैसे गुआकामोले, मोजिटो या मार्घरीटा में इस्तेमाल किया जाता है. दूसरी ओर, लेमन का स्वाद हल्का मीठा होने के कारण इसका प्रयोग मीठे और नमकीन दोनों तरह के व्यंजनों में किया जाता है. जैसे कि लेमन टार्ट, लेमन मेरिंग पाई, सलाद ड्रेसिंग या लेमन वॉटर आदि. हालांकि यह कोई सख्त नियम नहीं है. कई बार दोनों का स्वाद एक-दूसरे की जगह पर भी उपयोग किया जा सकता है.

पोषण के दृष्टिकोण से (Nutritional Value) भी दोनों लगभग समान हैं. इनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट की मात्रा लगभग एक जैसी होती है. दोनों ही विटामिन C के अच्छे स्रोत हैं, लेकिन लेमन में विटामिन C की मात्रा लाइम से थोड़ी अधिक होती है. इसके अलावा लेमन में पोटैशियम, फोलेट और विटामिन B6 भी ज्यादा पाया जाता है. दोनों ही फलों में सिट्रिक एसिड (C6H8O7) पाया जाता है, जो शरीर को डिटॉक्स करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में मदद करता है.

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